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जीते जी रेगुलर होने को लड़ती रही, मरने पर भी पेंशन लाभ पाने की जंग जारी

08:39 AM Dec 09, 2024 IST
जीते जी रेगुलर होने को लड़ती रही  मरने पर भी पेंशन लाभ पाने की जंग जारी
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रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 8 दिसंबर
हरियाणा शिक्षा विभाग में पार्ट टाइम कर्मचारियों की सेवाएं 1 जनवरी 1999 से नियमित करने का एक आदेश जारी हुआ था लेकिन कुछ विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के कारण कुछ कर्मचारियों की सेवाएं नियमित नहीं हो पायी। ऐसे ही वंचितों में सफीदों के धर्मगढ़ गांव की ओमपति भी थी जो वर्ष 1984 में पार्ट टाइम स्वीपर भर्ती हुई थी। उसे सफीदों के खेड़ाखेमावती गांव के राजकीय स्कूल में लगाया गया था। ओम पति के बेटे सुखविंदर ने बताया कि उसकी मां अपनी सेवाएं नियमित कराने को सम्बंधित कर्मचारियों, अधिकारियों से कई बार मिली लेकिन किसी ने उसकी सुनवाई नहीं की। आखिरकार वर्ष 2006 में वह रेगुलर हो पाई। सुखविंदर ने बताया कि उसकी मां का वर्ष 2009 में निधन हो चुका है। उसका कहना है कि यदि दूसरे लाभार्थियों के साथ 1 जनवरी 1999 को उसकी सेवाएं भी नियमित कर दी जाती तो वह भी पेंशन की पात्र हो जाती क्योंकि विभाग ने वर्ष 2004 से पहले नियमित हो चुके पार्ट टाइम कर्मचारियों को ही पेंशन का लाभ दिया था। उसने परमेश्वरी, महाबीर, राजो व दर्शन सहित अनेक ऐसे पार्ट टाइम कर्मियों का ब्योरा दिया जिनकी सेवाएं विभाग ने 1 जनवरी 1999 की पिछली तारीख से सेवाएं नियमित कर उन्हें पेंशन का पात्र बना दिया लेकिन उसके मामले में सरासर नाइंसाफी हुई है। उसने बताया कि वह पिछले तीन वर्ष से तो लगातार प्रशासनिक अधिकारियों व मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहा है।

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सीएम विंडो पर दी थी शिकायत, कष्ट निवारण समिति में होगी जांच

सुखविंदर का आरोप है कि उसकी मां की सेवाएं 1 जनवरी 1999 से नियमित कर उसे पेंशन की पात्र बनाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दो कर्मचारियों ने उससे 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जिसकी शिकायत उसने सीएम विंडो पर की। उसने बताया कि बीते फरवरी माह में एसडीएम ने उसकी शिकायत सुनी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वर्ष 2023 में सीएम विंडो में की गई शिकायत पर अब एक साल के बाद जिला शिकायत निवारण समिति की 10 दिसम्बर को निर्धारित बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त व कष्ट निवारण समिति के एक सदस्य रामफल शर्मा द्वारा किए जाने की चिट्ठी उसे मिली है। इस जांच कार्रवाई में रिश्वत के आरोपी दो कर्मचारियों की ही जांच होगी जबकि उसकी मां की सेवा व पेंशन के मामले को एजेंडे में नहीं रखा गया है।

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