शताब्दी एक्सप्रेस बना मयखाना, शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
अम्बाला, 6 जुलाई (हप्र )
बेहतर सेवाओं का दम भरने वाली भारतीय रेलवे की आज दिल्ली-चंडीगढ़ सफर के दौरान पोल खुल गई। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील तथा उनके परिवार ने दिल्ली-कालका शताब्दी एक्सप्रेस में चार यात्रियों की दादागिरी को सरेआम सहन किया है। इन चारों ने न केवल चलती ट्रेन को महखाना बना दिया बल्कि यात्रियों की आपत्ति के बाद भी उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। उनके झलकते जामों के खिलाफ यात्री नाराज तो हुये लेकिन उनके द्वारा की गई शिकायत पर विभाग की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया। शिकायतकर्ता एडवोकेट जोगिंद्र कुमार ने बताया कि वे आज सुबह कालका शताब्दी में अपनी पत्नी के साथ चंडीगढ़ आ रहे थे। जब वे दिल्ली से बाहर निकले तो उनके कोच में कुछ व्यक्ति शराब का सेवन कर रहे थे। उन्होंने कई बार उन यात्रियों को कहा कि वे शराब का सेवन न करें, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। वह यात्री पूरे रास्ते शराब का सेवन करते रहे। पानीपत के पास उन्होंने रेलवे सुरक्षा स्टाफ से इसकी शिकायत की, लेकिन वहां भी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं हो सका। चलते सफर में ही इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया के पास पंहुच गई। मीडिया कर्मियों ने अम्बाला रेलवे सुरक्षा बल थाने में इसकी जानकारी दी, लेकिन आरपीएफ अम्बाला में एक्शन करती तब तक ट्रेन आगे निकल चुकी थी। बाद में आरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि इस शिकायत पर एक्शन जरूर होगा।
शिकायतकर्ता जोगिंद्र कुमार ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल का इतने बड़े मामले को लेकर गम्भीर न होना दिखाता है कि भारतीय रेलवे में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वे इस मामले को लेकर रेलवे के आला अधिकारियों से जल्द ही मिलेंगे ताकि भविष्य में रेलवे मयखाने का रूप न ले ले। इस घटना के वक्त ट्रेन बैठे अन्य यात्रियों ने भारी नाराजगी जतायी।