Shani Dev Puja: शनिवार के दिन को क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को तेल?
चंडीगढ़, 7 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Shani Dev Puja: हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देव का समर्पित है, जिन्हें सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। माना जाता है कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पूरा जीवन दुखों से भर जाता है। इससे बचने के लिए लोग हर शनिवार शनिदेव को तेल अर्पित करते हैं और दीपक जलाते है।
शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि का रहस्य
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक रात शनि की पत्नी चित्ररथ पुत्र प्राप्ति की इच्छा से उनके पास गई लेकिन वह भगवान विष्णु का ध्यान कर रहे थे। जब चित्ररथ प्रतीक्षा करके थक गई तो उन्होंने शनिदेव को क्रोध में आकर श्राप दे दिया कि जिसपर भी उनकी दृष्टि पड़ेगी वो नष्ट हो जाएगा।
शनि को तेल क्यों चढ़ाते हैं?
सूर्य देव के कहने पर एक बार हनुमान जी शनि को समझाने गए लेकिन वह नहीं माने और युद्ध करने लगे। हनुमान जी ने शनि को हरा कर बुरी तरह घायल कर दिया। तब हनुमान जी ने उन्हें तेल दिया, ताकि उनके घाव भर जाए। तब शनिदेव ने कहा कि जो भी मुझे तेल देगा मैं उसे कष्ट नहीं दूंगी। बस तभी से यह परंपरा शुरू हो गई।
शनिवार को दीपक क्यों जलाते हैं?
शनि अंधकार के प्रतीक हैं इसलिए ऐसी मान्यता है कि शनिदेव को दीपदान करने से जीवन का अंधेरा दूर हो जाता है। ऐसे में लोग हर शनिवार के दिन शाम के समय शनिदेव को तेल का दीपक जरूर जाते हैं।
शनि का रंग काला क्यों है?
शनि देव सूर्यदेव और माता छाया के पुत्र हैं। ज्योतिष के मुताबिक, गर्भ में रहने के दौरान शनि देव सूर्य का तेज सहन नहीं कर पाए और उनका रंग काला पड़ गया। उनका रंग देखकर सूर्यदेव ने उन्हें अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद से ही दोनों में शत्रुता है।