Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक साथ, भूलकर भी न करें ये काम, शनि देव हो जाएंगे नाराज
चंडीगढ़, 28 मार्च (ट्रिन्यू)
Shani Amavasya 2025 : शनि अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शनि के पूजन और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और शनिदेव की दया से सभी दुखों और कष्टों का नाश होता है।
इस साल शनि अमावस्या के साथ ही सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। 29 मार्च 2025 को शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक साथ होने वाले हैं। ऐसे में ग्रहण और शनिदेव के प्रकोप का प्रभाव बढ़ जाएगा। ऐसे में इस दिन कुछ कामों से बचना चाहिए, ताकि शनि देव की कृपा बनी रहे और किसी प्रकार की नकारात्मकता से बचा जा सके।
शनि अमावस्या पर भूलकर भी ना करें ये काम
बेजुबान जानवर को ना सताएं
शनिश्चरी अमावस्या पर भूलकर भी किसी बेजुबान जानवर जैसे गाय, कुत्ते और कौवे आदि को कष्ट न पहुंचाएं क्योंकि इससे शनिदेव नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा इस दौरान मीट-मछली का सेवन करने से भी बचें। इसके अलावा असहाय लोगों की मदद करें।
रात्रि में यात्रा न करें
इस दिन रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे शनि से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा का संकेत माना जाता है।
गुस्से में कोई निर्णय न लें
शनि अमावस्या के दिन गुस्से में आकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें, क्योंकि यह आपके जीवन में परेशानियों का कारण बन सकता है।
झगड़े और विवाद से दूर रहें
इस दिन किसी भी प्रकार के विवाद और झगड़े से बचना चाहिए। यह शनि की नाराजगी को आमंत्रित कर सकता है। क्रोध, छल, कपट से कोई काम ना करें। ऐसा करने से शनिदेव आपको दंड दिए बिना नहीं छोड़ेंगे।
माता-पिता का आदर न करें
इस दिन माता-पिता, गुरु , महिला या बुजुर्गों का आदर और सम्मान करने की विशेष रूप से सलाह दी जाती है। अगर आप उनका अपमान करते हैं, तो शनि देव की क्रोध का सामना कर सकते हैं।
अत्यधिक धन व्यय न करें
शनि अमावस्या पर बेवजह या अत्यधिक धन खर्च करने से बचना चाहिए। यह वित्तीय समस्याओं का कारण बन सकता है।
मांसाहार और शराब से बचें
शनि अमावस्या पर मांसाहार और शराब का सेवन न करना चाहिए, क्योंकि यह तामसिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे सकता है।
व्यर्थ की बातों में समय न बिताएं
इस दिन को विशेष रूप से पूजा, ध्यान और अच्छे कार्यों में व्यतीत करें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो सके।
बाल-नाखून ना काटे
शनिश्चरी अमावस्या के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी काटने की मनाही होती है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे शनि दोष लगता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।