शंभू बॉर्डर : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईवे पार्किंग स्थल नहीं, रास्ता खोलने को लेकर बैठक करें पंजाब-हरियाणा के डीजीपी
नयी दिल्ली, 12 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर राजमार्ग को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए सोमवार को पंजाब और हरियाणा के पुलिस प्रमुखों को पड़ोसी पटियाला और अंबाला जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ एक सप्ताह के भीतर बैठक करने का निर्देश दिया। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। न्यायालय ने पंजाब सरकार को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को सड़क से ट्रैक्टर हटाने के लिए राजी करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि राजमार्ग वाहन पार्किंग के लिए नहीं हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूइयां की पीठ ने एक समिति गठित करने के वास्ते गैर-राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों की भी सराहना की। यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठकें करेगी। पीठ ने कहा कि एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं और आसपास के इलाकों के स्थानीय लोगों की आवाजाही के लिए शंभू बॉर्डर पर सड़क को आंशिक रूप से खोलने की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, ‘हम शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे।' सुप्रीम कोर्ट ने पहले पंजाब और हरियाणा सरकारों से कहा था कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से संपर्क करने के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करने के वास्ते कुछ तटस्थ व्यक्तियों के नाम सुझाएं। न्यायालय ने कहा था कि किसी को भी स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहिए। शीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर अवरोधक हटाने के लिए कहा गया था, जहां प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे। (भाषा)