Shah in Mahendragarh: नाराजगी दूर करने की कवायद, पार्टी में बैलेंस बना गए अमित शाह
दिनेश भारद्वाज, ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 16 जुलाई
Shah in Mahendragarh: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहीरवाल से हरियाणा के विधानसभा चुनावों का आगाज कर दिया है। बुधवार को महेंद्रगढ़ के पाली में आयोजित प्रदेशस्तरीय पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लेकर प्रदेश भाजपा के अधिकांश दिग्गज नेताओं को वेट दिया। उन्होंने अहीरवाल के नेता राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह से लेकर पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ का राजनीतिक कद बढ़ाने का काम किया।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व एक शाह ने एक बार फिर मुहर लगा दी। दरअसल, कांग्रेस की तरह ही भाजपा में भी अंदरखाने मुख्यमंत्री पद को लेकर ‘जंग’ छिड़ती रही है। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जब नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तो उस समय भी अंदरखाने नेताओं में नाराजगी देखने को मिली। इसी नाराजगी की वजह से ही पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज वर्तमान में नायब कैबिनेट का हिस्सा नहीं हैं।
पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में उमड़े जनसमूह से गदगद नज़र आए अमित शाह के भाषण में 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की टीस भी साफ झलकी। 2014 में भाजपा पहली बार 47 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई थी। पांच वर्षों बाद यानी 2019 के चुनावों में भाजपा बहुमत से पीछे रह गई। पार्टी की चालीस ही विधानसभा हलकों में जीत हुई। ऐसे में दस विधायकों की जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन करके सरकार का गठन करना पड़ा।
अमित शाह ने इस बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है। यहां बता दें कि भाजपा को लगातार दो बार सत्ता में लाने में सबसे बड़ी भूमिका दक्षिण हरियाणा की ही रही है। अमित शाह इस बात को भी भूल नहीं। अहीरवाल सैनिक बाहुल्य इलाका है। इसलिए उन्होंने बार-बार इस धरती को नमन किया और सैनिकों की माताओं को सम्मानित बताते हुए इस बड़े वोट बैंक को साधने की भी कोशिश की। अहीरवाल में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने शहीद राव तुलाराम को भी याद किया।
इतना ही नहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश एध्यक्ष और हरियाणा के शिक्षा मंत्री रहे प्रो. रामबिलास शर्मा को ‘धरतीपुत्र’ बताकर उन्होंने पार्टी के इस वरिष्ठ नेता का भी राजनीतक कद बढ़ाने का काम किया। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद का भी उन्होंने विशेष रूप से जिक्र किया। भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार सांसद बने धर्मबीर सिंह को ‘लोकप्रिय’ बताते हुए अमित शाह ने उनके सम्मान में विशेष रूप से लोगों से तालियां बजवाईं।
राजनीतिक रूप से ‘बैकफुट’ पर दिख रहे पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का नाम लेकर अमित शाह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मान-सम्मान में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। संयोग से जितने भी नेताओं के नाम अमित शाह की जुबान पर आए, उनमें से अधिकांश मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे हैं। अब चूंकि विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में अमित शाह पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को मजबूत करने की कोशिश करते नज़र आए ताकि चुनावों में इसका फायदा मिल सके।
नायब और मनोहर की भी तारीफ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा पूर्व सीएम तथा केंद्रीय बिजली, आवास व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल की भी खुलकर तारीफ की। शाह ने कहा कि भाजपा ने पिछड़ा वर्ग और गरीब परिवार के बेटे नायब सिंह सैनी को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा है।
उन्होंने कहा कि अब इन्हीं (नायब सैनी) के नेतृत्व में हरियाणा आगे बढ़ेगा। इसी तरह से पूर्व सीएम मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के दस वर्षों में हरियाणा को केंद्र से महज 41 हजार करोड़ रुपये मिले। वहीं नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल की दस वर्षों की सरकार में हरियाणा को 259 हजार करोड़ रुपये मिले।