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अलग आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकार : दर्शन रतन

10:57 AM Sep 03, 2024 IST
अलग आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकार   दर्शन रतन
कैथल में पत्रकाराें से बात करते दर्शन रतन रावण। -हप्र
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कैथल, 2 सितंबर (हप्र)
आदि धर्म समाज के मुखिया दर्शन रतन रावण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दूरदर्शी और मानवता से परिपूर्ण फैसला लेते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले में व्यवस्था दी है कि बिना किसी बहाने या डर के राज्य सरकारें आरक्षण में वर्गीकरण कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उस अंतिम पड़ाव से भी नीचे गर्क में पड़े आदमी के बच्चों के भविष्य को ख्याल में रखते हुए अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए अलग आरक्षण यानी कि वर्गीकरण की व्यवस्था दी। वे यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कहा कि हिस्सेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि मायावती ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों के नाम दलित महापुरुषों के नाम पर रखे मगर वाल्मीकि नाम कहीं नहीं रखा। एक लाख आठ हज़ार से ज़्यादा सफाई कर्मचारी पदों पर भर्ती की। लेकिन इनमें 8000 वाल्मीकि भी नहीं चुने गए। तो जहां वे पूरे हो सकते थे, वह जगह भी उनसे छीन ली गई। उन्होंने आगे कहा कि हम आज भी केवल हिस्सेदारी ही चाहते हैं जो कि हमारा हक है। इस मौके पर विरोतम कैलाश पुरषार्थी, नरेश देवांतक, करमजीत बालू, धर्मपाल रति, केदार वाल्मीकि, साहिल बड़सीकरी, महेंद्र मचल, जसवंत शम्भुक, रवि अठवाल, रवीन उपस्थित रहे।

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