संवेदनशील निर्णय
एक किसान ने कुत्ते के पिल्ले बेचने के लिए मुनादी करवाई। एक दिन एक दस साल का बच्चा किसान से मिला और कहा, ‘मुझे एक पिल्ला चाहिए।’ किसान बोला, ‘ले लो। पर ये अच्छी नस्ल के पिल्ले हैं, इनकी कीमत ज्यादा है।’ बच्चे ने फ़ौरन अपने गुल्लक से 1,000 रुपये दिये और पूछा, ‘क्या ये काफी हैं?’ किसान ने पैसे लेकर पिल्लों को आवाज दी। कई पिल्ले भागे आए। उनमें एक पिल्ला सबसे छोटा था जो लंगड़ा कर चल रहा था। बच्चे ने उसे प्यार से सहलाया और कहा, मुझे यह सफेद पिल्ला पसंद है। किसान बोला, ‘इसकी एक टांग खराब है, यह दौड़ नहीं सकता। इसके संग खेलोगे कैसे?’ ‘पर मैं इसी को लूंगा।’ यह कहकर बच्चे ने उसे गोद में उठा लिया। तभी किसान की नजर बच्चे के पैर पर पड़ी जिससे वह घिसटकर चल रहा था। बच्चे का एक पांव न था। कृत्रिम पांव पर उसने दिव्यांगों वाला जूता पहन रखा था। यह देखकर किसान पसीज गया। उसने तत्क्षण बच्चे को उसके रुपये लौटाते हुए कहा, पिल्ले को ले जाओ। तुम्हारे घर में इसकी इज्जत बढ़ेगी। प्रस्तुति : राजकिशन नैन