भागवत लीलाओं को संसार की नहीं, भगवान की दृष्टि से देखें : जया किशोरी
पंचकूला, 30 नवंबर (हप्र)
माता मनसा देवी सेवा ट्रस्ट की ओर से दशहरा ग्राउंड सेक्टर 5 पंचकूला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को कंसवध, रासलीला, गोप उद्धव संवाद, श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह की बाल लीलाएं सुनाई गईं। कथावाचक जया किशोरी ने कथा के दौरान भजन सुनाकर लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया। माता मनसा देवी सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन संदीप गुप्ता, प्रधान सचिन गोयल, महासचिव रमन सिंगला, मीडिया सलाहकार कुलदीप गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का सम्मान किया।
जया किशोरी ने कहा कि गोपियां ऋषिमुनि हैं। बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने वर्षों तपस्या की, तो भगवान ने उन्हें कहा था मैं आपको सिर्फ दर्शन मात्र में नहीं मिलूंगा, वही ऋषि मुनि गोपियों के रूप में आए थे, ताकि भगवान इस प्रकार उनसे मिल सकें। उसके बाद भी भगवान को पता था हमारी (इंसान की) बुद्धि तो ऐसी है कि कई बार यदि आपको कोई बात समझ नहीं आ रही है, तो वह गलती सामने वाले की निकालेगा। वेदव्यास जी जो बात कहने की कोशिश कर रहे हैं, एक बार में समझ जाएंगे क्या? वाल्मीकि प्रभु कोई बात कहने की कोई कोशिश कर रहे हैं तो एक बार में समझ सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यदि आप नहीं समझे, तो वह गलत हो गए। एक छोटा बच्चा जिस प्रकार बड़ी कक्षा की पढ़ाई नहीं समझ सकता, उसी प्रकार हमारे और ज्ञानियों के बीच यही अंतर है। हम समझ नहीं सकते, वह बहुत ऊंची पढ़ाई है। इसका एक तरीका है कि भागवत लीलाओं को संसार की दृष्टि से मत देखिए, भागवत लीलाओं को हमेशा भगवान की दृष्टि से देखिए। वह भगवान है, कोई भी लीला हो रही है, तो यह याद रखें कि यह भगवान कर रहे हैं।