संपत्तियों की सुरक्षा में होगी वृद्धि, अवैध कब्जों से मिलेगी मुक्ति : कासमी
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 मई (हप्र)
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने इस अधिनियम को मुस्लिम समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया और कांग्रेस पार्टी तथा कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा इसके विरुद्ध किए जा रहे विरोध की कड़ी आलोचना की। मुफ्ती कासमी ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जिससे इन संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सकेगा। यह अधिनियम न केवल वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार को रोकेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग की जाएं। उन्होंने अधिनियम के प्रमुख लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे वक्फ बोर्ड में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण होगा, जिससे उनका प्रबंधन सुव्यवस्थित होगा, संपत्तियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी और अवैध कब्जों से मुक्ति मिलेगी, वक्फ बोर्ड में महिलाओं और विद्वानों की उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा, वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए किया जाएगा।
मुफ्ती कासमी नेे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दशकों तक मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझा और वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों के लिए किया। वे मुस्लिम समुदाय को तुष्टिकरण की राजनीति के नाम पर गुमराह करते रहे हैं। यह अधिनियम उस तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करेगा और मुस्लिम समुदाय को वास्तविक विकास की ओर ले जाएगा। उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों को भी चुनौती देते हुए कहा कि जो लोग आज वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुफ्ती कासमी ने मुस्लिम समुदाय से वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करने और भ्रामक प्रचार से प्रभावित न होने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस अधिनियम के तहत किसी भी वक्फ संपत्ति को मुस्लिम समुदाय से नहीं लिया जाएगा, न ही किसी मस्जिद को प्रभावित किया जाएगा और न ही किसी कब्रिस्तान को सरकार अपने अधिकार में लेगी। मुस्लिम संगठन इन मुद्दों पर अफवाहें फैला रहे हैं। मुफ्ती कासमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और गृह मंत्री अमित शाह का इस ऐतिहासिक कदम के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उनके साथ हाजी शकील, अब्दुल रईस सहित अन्य बुद्धिजीवी मुस्लिम लोग भी उपस्थित थे।