भाजपा की हार पर विवादित बयान देने वाले महंत राजू दास की सुरक्षा हटायी गयी
अयोध्या (उप्र), 23 जून (भाषा)
Mahant Raju Das: फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार की समीक्षा के लिए हुई बैठक के एक दिन बाद जिला प्रशासन ने हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास की सुरक्षा हटा दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को इसकी पुष्टि की।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी की मौजूदगी में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें महंत राजू दास भी मौजूद थे।
अयोध्या के जिलाधिकारी (डीएम) नीतीश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करण नैयर को भी मंत्रियों ने कुछ जानकारी के लिए बुलाया था।
बैठक के दौरान महंत राजू दास ने कथित तौर पर डीएम और एसएसपी के खिलाफ विवादित बयान दिया और अयोध्या में भाजपा की हार के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
सूत्रों के अनुसार राजू दास के आरोप से अधिकारी नाराज हो गए और उनके साथ बैठने से इनकार कर दिया।
राजू दास की सुरक्षा हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अयोध्या के जिलाधिकारी कुमार ने बताया, ‘‘राजू दास के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और हमें शिकायतें मिल रही थीं कि उन्होंने जनता और व्यापारियों को धमकाने के लिए सुरक्षा का दुरुपयोग किया। यह घोर दुरुपयोग है इसलिए सुरक्षा वापस ली गई।''
जिला प्रशासन के अनुसार राजू दास की सुरक्षा में बंदूकधारी तीन पुलिस कांस्टेबल तैनात थे, जिन्हें तत्काल प्रभाव से शुक्रवार को वापस ले लिया गया।
इस बीच, राजू दास ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मैंने प्रशासनिक अधिकारियों को चोर और भ्रष्ट कहा था जो कि वे हैं। इसलिए मेरी सुरक्षा वापस ली गई।''
फैजाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अवधेश प्रसाद ने वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव में जीतने वाले लल्लू सिंह को हरा दिया। इस हार के बाद राजू दास ने अयोध्या के लोगों को ‘‘भगवान राम के गद्दार'' कहते हुए कई विवादास्पद बयान दिए और कहा, ‘‘डीएम, एसएसपी सहित सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भ्रष्ट और चोर हैं और बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते।''
राजू दास ने शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की। योगी के साथ अपनी मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘हमने अयोध्या से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और मैंने उन्हें बताया कि अयोध्या में सरकारी अधिकारी भ्रष्ट हैं और वे बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते।'' राजू दास ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ अपनी सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा नहीं की।