द्वितीय ब्रह्मचािरणी
07:08 AM Oct 04, 2024 IST
नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां का पूजन किया जाता है। यहां ब्रह्म शब्द का रूप तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली। इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए एक हज़ार साल कठिन तपस्या की। तब ब्रह्माजी ने उनसे कहा, हे ‘देवी! आज तक किसी ने भी ऐसी कठोर तपस्या नहीं की, जैसी तुमने की है। जाओ, तुम्हारी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी। भगवान शिव तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे।’ उनकी भक्ति में यह श्लोक पढ़ा जाता है।
‘दधानां करपद्माभ्याम्ा्
अक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।’
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