जाड़े में राहतकारी मौसमी खान-पान
अभय कुमार जैन
सर्दियों में खांसी ,जुकाम जैसी बीमारियों की बढ़ोतरी हो जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि इस मौसम में ठंड से बचने के लिए खुराक में कुछ गर्म व मौसमी पदार्थ शामिल करने चाहिये। मसलन, शहद व गुड़ का सेवन लाभकारी है। वहीं लोंग, तुलसी, काली मिर्च और अदरक से बनी चाय समेत कुछ अनाज, मेवे व उनसे बने लड्डू-पंजीरी आदि गर्माहट प्रदान करते हैं।
शहद का सेवन
जाड़े के मौसम में शहद का सेवन करने से शरीर को कई रोगों से दूर रखा जा सकता है। जुकाम-खांसी होने पर रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना राहत देता है।
रोजाना गुड़ की डली
प्राकृतिक मिठाई गुड़ इस मौसम में बनना शुरू हो जाता है। गुड़ में मध्यम मात्रा में कैल्शियम, फॉस्फोरस व जस्ता पाया जाता है। इसका रोजाना सेवन रक्त व इम्युनिटी पॉवर बढ़ाता है। खासकर अस्थमा के रोगियों को गुड़ का सेवन करना चाहिए। खाना खाने के पश्चात गुड़ की डाली खाने से पाचन ठीक होता है।
बाजरे-रागी के लाभ
सर्दी में बाजरे की रोटी खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है। बाजरे की रोटी में प्रोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर व एंटी ऑक्साइड शरीर के लिए अच्छे रहते हैं। बाजरे की रोटी के साथ घी व गुड़ का सेवन करना चाहिए। वहीं रागी का सेवन करने से डायबिटीज, एनीमिया, इंसोमेनिया और डिप्रेशन में फायदा मिलता है।
घी की तरावट
सर्दियों में रोजाना एक चम्मच घी आपको गर्म व स्वस्थ रखने में मदद करता है। घी विटामिन ए का अच्छा स्रोत माना जाता है जो आपको कई बीमारियों से बचाने में सहायक है।
खजूर का सेवन
ठंड में खजूर के सेवन से सर्दी खांसी जुकाम का असर समाप्त हो जाता है। यह ऊर्जा प्रदान करने वाला फल है। आयुर्वेदिक दृष्टि से खजूर पौष्टिक, शीतल क्षय नाशक है। सुबह या शाम गर्म दूध के साथ इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। खजूर में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
जाड़े में सिंघाड़े
सिंघाड़ा जाड़े का फल इसमें विटामिन ए, सी, आयोडीन, फास्फोरस और प्रोटीन होता है। टांसिल्स की दिक्कत में आराम मिलता है। इसके आटे को दूध के साथ लेने से गले संबंधी तकलीफ में आराम मिलता है।
सब्जियों व फलों का सेवन
जाड़े के मौसम में पालक, मेथी, मूली, गाजर, टमाटर व अमरूद, संतरा, सेब व आंवला आदि बाजार में आते हैं। अतः इनका भरपूर मात्रा में प्रयोग करें, सलाद खाएं। काली मिर्च, अदरक डालकर सूप पीना चाहिये। वेजिटेबल सूप में एंटी एक्सीडेंट काफी होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। अमरूद में प्रचुर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। आंवला भी इस मौसम में भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो त्रिदोष हर माना जाता है।
सूखे मेवे
बादाम व अखरोट खाने से इस मौसम में शरीर को गरमाहट व ताकत मिलती है। सर्दियों में इनको दरदरा पीसकर मुनक्का व किश्मिश आदि डालकर पंजारी बनाने की खास रिवायत रही है।
लहसुन व कच्ची हल्दी
जिनके शरीर में खून की कमी हो उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए। वहीं रोस्टेड लहसुन का सेवन करने से शरीर को गर्मी मिलती है। ऐसे ही रात में दूध में कच्ची हल्दी उबाल कर पियें।
लोंग
लौंग का सेवन शरीर में सफेद रक्त कणिकाएं बनाने में मदद करता है, जिससे रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है।
तुलसी व अदरक
श्वास संबंधी दिक्कतों के उपचार में तुलसी की पत्तियां काफी उपयोगी हैं। यह कफ को दूर कर करती है। वहीं पेट की समस्या हो या गले की, अदरक इन समस्याओं को दूर करने के लिए कारगर भूमिका निभाता है। अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले की सूजन को दूर करता है।
परहेज भी करें
वहीं सर्द मौसम में कुछ ठंडी चीजों से परहेज भी जरूरी है। वहीं स्टहैपी फार्मेसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डाक्टर सुजित पाल बताते हैं कि इस समय नमक का सेवन कम मात्रा करें क्योंकि ज्यादा नमक से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।