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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ‘जिंदगी’ के लिए सर्च ऑपरेशन ज़ारी

07:46 AM Aug 05, 2024 IST
रामपुर बुशहर के समेज क्षेत्र में खोजी कुत्तों की मदद से लापता लोगों की तलाश में जुटे कर्मचारी। -निस
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प्रेमराज काश्यप/निस
रामपुर बुशहर, 4 अगस्त
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं के चलते लापता हुए लोगों की तलाश का अभियान निरंतर जारी है। रामपुर बुशहर उपमंडल के बाढ़ प्रभावित समेज के लापता हुए 36 और निरमंड उपमंडल के बागीपुल में 6 लोगों का घटना के 85 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। प्रशासन ने गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्तों को मौके पर बुलाया है। इनकी मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। जहां-जहां खोजी कुत्तों को लोगों के दबे होने का संकेत मिल रहा है, वहां-वहां जेसीबी की मदद से लोगों को खोजने के लिए खुदाई की जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान लोगों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं।
तीन दिन से चल रहे इस सर्च ऑपरेशन में अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। इससे अब मलबे में दबे लोगों के जीवित मिलने की उम्मीदें भी टूटने लगी हैं। डीसी शिमला अनुपम कश्यप, एसपी शिमला व एसडीएम रामपुर निशांत तोमर समेज में लोगों के साथ लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
वहीं, निरमंड के बागीपुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह, तहसीदार निरमंड जय गोपाल शर्मा व डीएसपी आनी चंद्रशेखर कायथ ने ग्रामीणों व अन्य विभागों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य की कमान संभाल रखी है।

बागी पुल में 5 लोग अभी भी लापता

निरमंड उपमंडल के बागी पुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्यों सहित 7 लोग लापता हैं। मात्र एक पुरुष का शव ही अभी तक मिल पाया है। लापता लोगों में दो नेपाली भी शामिल हैं।

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250 देवलुओं, 400 ग्रामीणों, 64 पुलिस कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला

आनी के डीएसपी चंद्रशेखर कायथ ने श्री खंड महादेव की यात्रा पर गए देवता साहब नागेला के देवरथ समेत 250 देवलुओं, करीब 400 अन्य ग्रामीणों व श्री खंड महादेव की यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा तैनात 64 पुलिस जवानों को रेस्क्यू कर सकुशल बागीपुल पहुंचाया। ये सभी लोग श्री खंड महादेव में बादल फटने की घटना के उपरांत श्री खंड के मध्य बीच रास्ते में ही अटके हुए थे। डीसीपी चंद्र शेखर ने बताया कि भारी बारिश के चलते श्री खंड महादेव के रास्तों समेत जाओं-बागीपुल सड़क जगह जगह भारी भरकम पत्थर व मलबा गिरने के चलते पूरी तरह अवरुद्ध हो गई थी। ऐसे में उक्त तमाम पुलिस कर्मी व देवलू के अतिरिक्त सैकड़ों ग्रामीण दो दिन से जाओं में फंसे हुए थे।

समेज प्रभावितों के लिए ‘हेल्प डेस्क’ स्थापित

रामपुर बुशहर के झाकड़ी क्षेत्र से सटे समेज गांव में बादल फटने से हुई भारी तबाही से प्रभावितों को सहायता सामग्री वितरित करने के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। हेल्प डेस्क दानकर्ताओं को लाभार्थियों और आवश्यक वस्तुओं की सूची मुहैया करवाएगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि पीड़ितों और प्रभावितों की सहायता के लिए बहुत से एनजीओ और लोग आगे आ रहे है। लेकिन सहायता सामग्री की पुनरावृत्ति हो रही है। ऐसे में फैसला लिया गया है कि एसडीएम रामपुर के कार्यालय में स्थापित हेल्प डेस्क के माध्यम से ही सहायता सामग्री प्रभावितों को वितरित की जाएगी। एसडीएम रामपुर दानकर्ताओं को सहायता सामग्री में जरूरत की वस्तुओं और लाभार्थियों की सूची मुहैया करवाएंगे ताकि कोई भी वस्तु अत्यधिक एकत्रित न हो सके और लाभार्थियों को सीधा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि झाकड़ी से समेज गांव तक सड़क काफी खराब है। ऐसे में मौके पर जाने वाले एनजीओ एसडीएम रामपुर निशांत तोमर की अध्यक्षता में स्थापित हेल्प डेस्क के संपर्क करने के बाद ही घटनास्थल पर जाएं। इसके लिए एसडीएम रामपुर का मोबाइल नंबर 82195 51059 और कार्यालय दूरभाष नंबर 01782 233002 जारी किए गए हैं।

आपदा में मरने वालों की संख्या हुई 11

शिमला (हप्र) : हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, कुल्लू और मंडी में बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। मंडी जिले से दो और शव बरामद किए गए हैं। 31 जुलाई की रात को कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने की घटनाओं के बाद 45 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। मंडी जिले के पधर क्षेत्र के राजबन गांव से सोनम (23) और तीन महीने की मानवी के शव बरामद किए गए हैं। बचाव अभियान अभी जारी है। सुन्नी में कोल डैम क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार सुबह एक शव बरामद किया गया। सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को डैम के एक किनारे पर एक शव दिखा। इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन में लगी टीम को दी गई। इसके बाद टीम ने शव को पानी से बाहर निकाला। शव एक महिला का है जिसकी उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। महिला की एक टांग शरीर के साथ नहीं है। इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा भी नहीं है। चेहरे पर काफी चोटें हैं। रेस्क्यू टीम ने शव को सीएचसी सुन्नी में रखा है।
वर्षा से फिलहाल राहत नहीं : हिमाचल प्रदेश के लोगों को फिलहाल मानसून की वर्षा से राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के अनुसार राज्य में 10 अगस्त तक अधिकांश स्थानों पर मानसून की बारिश होगी। विभाग ने इस दौरान राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया है।

एक साथ लिपटे मिले मां-बेटी के शव, मची चीख-पुकार

मंडी (निस) : चौहारघाटी के राजबन के घटनास्थल पर रविवार को उस समय चीख-पुकार मच गई, जब 23 वर्षीय सोनम और उसकी तीन माह की दुधमुंही बच्ची मानवी के शव एक साथ लिपटे मिले। तबाही के इस मंजर को देखकर हर आंख नम हो गई। मृतका की ननदों कलि देवी और मली देवी ने सुध बुध खो दी। रिश्तेदार उन्हें ढाढस बंधाते रहे। सोनम का पति राम सिंह अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उसे अभी पत्नी और बेटी की मौत से अनजान रखा गया है। इसी परिवार के हरदेव सिंह अभी लापता हैं। इस बीच, मां-बेटी का एक साथ ही अंतिम संस्कार किया गया। सोनम के भाई राकेश ने चिता को मुखाग्नि दी। उल्लेखनीय है कि बुधवार देर रात यहां बादल फटने से तीन रिहायशी मकान दब गए थे, जिसमें 10 लोग जिंदा दफन हो गए थे। इनमें से अब तक आठ शव बरामद हो गए हैं। खुड्डी देवी और हरदेव सिंह की तलाश जारी है। एसडीएम भावना वर्मा चार दिन से रामबन घटना स्थल में स्वयं रेस्क्यू को लीड कर रही हैं।

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