For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

SCO Summit: इस्लामाबाद पहुंचे जयशंकर, 9 साल में भारत के विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा

08:03 PM Oct 15, 2024 IST
sco summit  इस्लामाबाद पहुंचे जयशंकर  9 साल में भारत के विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा
विदेश मंत्री एस जयशंकर का मंगलवार को इस्लामाबाद में एससीओ परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक के लिए पहुंचने पर बच्चों द्वारा स्वागत किया गया। एएनआई फोटो
Advertisement
इस्लामाबाद, 15 अक्टूबर (भाषा)
SCO Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे। यह दोनों पड़ोसी देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बीच पिछले करीब एक दशक में किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है।
जयशंकर का विमान स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब 3.30 बजे पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित नूर खान हवाई अड्डे पर उतरा और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पिछले करीब नौ साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे पर और पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। विदेश मंत्री बुधवार को एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा हूं।''
जयशंकर ने हवाई अड्डे पर फूल देकर उनका स्वागत करते कुछ बच्चों और अधिकारियों की तस्वीरें साझा कीं। इससे पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा पर आयी थीं। उस समय जयशंकर भारत के विदेश सचिव के नाते सुषमा स्वराज के शिष्टमंडल का हिस्सा थे।
सुषमा स्वराज ने उस यात्रा में तत्कालीन पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज से बातचीत की थी। सुषमा स्वराज और अजीज की वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें दोनों पक्षों ने समग्र द्विपक्षीय संवाद शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। सुषमा की यात्रा से कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काबुल से भारत लौटते समय लाहौर की 150 मिनट की औचक यात्रा की।
मोदी ने अपने तत्कालीन समकक्ष नवाज शरीफ के पैतृक आवास का दौरा किया और शांति के तरीकों पर चर्चा की। हालांकि, पाकिस्तान की धरती से आतंकवादियों के भारत पर हमलों ने संबंधों को नुकसान पहुंचाया। जयशंकर के पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले भारत ने आज कहा कि वह एससीओ की विभिन्न प्रणालियों में सक्रियता से शामिल है।
पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘एससीओ सीएचजी की बैठक सालाना होती है और इसमें संगठन के व्यापार तथा आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है।''
उसने कहा, ‘‘सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ की रूपरेखा के तहत अनेक प्रणालियों एवं पहल समेत इसके प्रारूप में सक्रियता से शामिल है।'' मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि जयशंकर मंगलवार रात को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित रात्रि भोज समारोह में शामिल हो सकते हैं।
शरीफ एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के स्वागत में उन्हें रात्रि भोज देंगे। दोनों पक्षों ने पहले ही एससीओ के शासन प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे नई दिल्ली की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने हाल में एक समारोह में अपने संबोधन में कहा था, ‘‘भारत किसी भी पड़ोसी की तरह निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन सीमापार आतंकवाद पर ध्यान नहीं देकर और ख्याली पुलाव बनाकर ऐसा नहीं किया जा सकता।''
वरिष्ठ मंत्री को भेजने के निर्णय को एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दर्शाने के रूप में देखा जा रहा है। सम्मेलन में चीन, रूस, बेलारुस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान की ओर से उनके प्रधानमंत्री शामिल होंगे, वहीं ईरान का प्रतिनिधित्व प्रथम उप राष्ट्रपति करेंगे। फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने की घोषणा के बाद दोनों देशों के संबंध और खराब हो गए। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है, लेकिन उसका कहना है कि इस तरह की साझेदारी के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।
पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की व्यक्तिगत उपस्थिति वाली बैठक में भाग लेने के लिए मई 2023 में भारत आए थे। यह लगभग 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।
Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement