वैज्ञानिकों ने चुनौतियों से निपटने को तैयार किया रोडमैप
करनाल, 22 सितंबर (हप्र)
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल में सतत विकास और जलवायु स्मार्ट कृषि विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हो गया। सम्मेलन की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने की। कुलपति ने कहा कि इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न समस्याओं पर गहन मंथन किया गया और यह चर्चा की गई कि इन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने मिलकर एक रोडमैप तैयार किया, जो भविष्य के शोध की दिशा निर्धारित करेगा।
डॉ. मल्होत्रा ने ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण खेती-किसानी और मानव जीवन में हो रहे आमूलचूल परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह सबसे बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि इसका प्रभाव न केवल कृषि पर पड़ा है, बल्कि यह मानव जीवन पर भी संकट ला रहा है। वैज्ञानिकों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया। कुलपति ने नए खाद्य उत्पादों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नवीन खाद्य पदार्थों जैसे मशरूम को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले सौ साल में भारत खाद्य उत्पादन में एक ग्लोबल पावर के रूप में उभरेगा। कार्यक्रम के अंत में एमएचयू के डीन पीजीएस डॉ. धर्मपाल ने सम्मेलन में शामिल सभी अतिथियों, अधिकारियों, वैज्ञानिकों और भावी वैज्ञानिकों का धन्यवाद किया।
नवीनतम तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता: डॉ. मिश्रा
मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर की वाइस चांसलर डॉ. सुनीता मिश्रा ने सम्मेलन के विषय को समय की मांग बताते हुए कहा कि बागवानी और कृषि में नवीनतम तकनीकों को अपनाना अनिवार्य है। उन्होंने भावी वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। श्री राम कॉलेज, मुजफरनगर के चेयरमैन डॉ. एससी कुलश्रेष्ट ने शहरीकरण के कारण उत्पन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ के डीन डॉ. बिजेंद्र सिंह ने सफल आयोजन के लिए कुलपति की सराहना की।