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युवा मूर्ति शिल्पकारों संग स्कूली विद्यार्थी सीख रहे मूर्तिकला के हुनर

08:46 AM Jun 10, 2024 IST
युवा मूर्ति शिल्पकारों संग स्कूली विद्यार्थी सीख रहे मूर्तिकला के हुनर
कुरुक्षेत्र में एक कलाकार अपनी कला काैशल का प्रदर्शन करते हुए। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 9 जून (हप्र)
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्कूल स्तर के 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर टावर उत्सव-2024 का आयोजन राज्य के 22 जिलों के 22 सरकारी विद्यालयों में किया जा रहा है।
इसमें प्रातः 8 बजे से सुबह 11 बजे तक विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं 3 डी स्कल्पचर आर्ट में हरियाणा संस्कृति पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला कुरुक्षेत्र में इस ग्रीष्मकालीन टाबर उत्सव-2024 का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पिपली में किया जा रहा है।
कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल ने बताया कि यह टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव वी उमा शंकर, शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी अनुपमा, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा के महानिदेशक मनदीप बराड़, शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया, शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल व कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर की देखरेख में किया जा रहा है। इस 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर टाबर उत्सव का उद्देश्य हरियाणा राज्य के होनहार छात्र-छात्राओं को मूर्ति शिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व राज्य में लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास के उद्देश्य के साथ-साथ राज्य में होनहार कलाकारों को सुमार्ग देने हेतु सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लर्निंग बाय डूइंग प्रोसेस से मूर्तिशिल्प व क्राफ्ट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि मूर्तिशिल्प एकमात्र ऐसा विषय है, जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करता है।
हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु, लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वेल्डिंग, सिरेमिक, असेंबली आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा।
कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाइव मॉडल डेमो से भी कार्य करवाया जाएगा। राज्य के 1200 से 1500 विद्यार्थी इन 30 दिनों में तकनीकी व कलात्मक दृष्टिकोण से लाभान्वित होंगे।

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