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घोटालेबाज अधिकारियों ने रिश्तेदारों के नाम से फर्जी एनजीओ, सोसायटी बनाई

10:10 AM Feb 06, 2024 IST
घोटालेबाज अधिकारियों ने रिश्तेदारों के नाम से फर्जी एनजीओ  सोसायटी बनाई
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चंडीगढ़, 5 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सहकारिता विभाग की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ के बाद सामने आया है कि राज्य सरकार द्वारा जारी फंड को बैंक अधिकारियों व लेखा परीक्षकों के साथ मिलीभगत कर सहकारी विभाग के अधिकारियों ने अपने निजी खातों में स्थानांतरित करा लिया। निजी खातों से इसे अपने नजदीकी रिश्तेदारों तथा परिवारजनों के खातों में भेज दिया। उसके बाद रकम को मनमाने ढंग से खर्च किया। कई घोटालेबाज अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम से फर्जी स्वयं सहायता समूह और फर्जी सोसायटियां बनाई और फिर उनकी मदद से घोटालों को जमकर अंजाम दिया।
अभी तक की जांच में निकल कर आया है कि सहकारिता विभाग में अतिरिक्त रजिस्टार रह चुकी अनु कौशिक इस पूरे घोटाले की मास्टर माइंड हैं। इसी मामले से जुड़ी उसकी एक बहन ने घोटाले में शामिल होने की बात स्वीकार की थी। गिरफ्तारी के बाद अब वह जमानत पर है। अनु कौशिक की एक बहन कनाडा में रहती है, जिसकी गतिविधियों व बैंक खाते एसीबी के रडार पर है। अनु कौशिक और उसकी लग्जरी लाइफ की कुछ फोटो वायरल होने पर वह चर्चा में है।
एसीबी को जांच में पता चला है कि अकेले रेवाड़ी जिले में 20 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। आईसीडीपी योजना में घोटाले की शुरुआत रेवाड़ी, पानीपत और फरीदाबाद से हुई थी। सबसे पहले इस घोटाले की जानकारी एसीबी के प्रमुख वर्तमान मेें डीजीपी शत्रुजीत कपूर को मिली। उस समय 15 करोड़ के घोटाले की जानकारी सामने आ रही थी, जब और जांच की गई तो इसकी परतें खुलती चली गयी और अब यह घोटाला 100 करोड़ रुपये के पार जा चुका है।

हरको बैंक के एमडी की गिरफ्तारी संभव

विभाग की योजना के तहत गांवों में बाउंड्री वाॅल का निर्माण, पैक की बिल्डिंग का निर्माण, गोदाम निर्माण, मरम्मत, किसानों की ट्रेनिंग, सौर ऊर्जा पैनल लगाने समेत विभिन्न कार्यों के लिए लोन की व्यवस्था का प्रावधान है। योजना के नोडल अधिकारी के रूप में हरको बैंक के एमडी नरेश गोयल साल 2014 से डटे हुए हैं। अब उनके खिलाफ एसीबी ने कार्रवाई के लिए फाइल राज्य सरकार के पास भेज दी है। उनकी किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है।

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अब तक 14 अधिकारियों की हो चुकी गिरफ्तारी

एसीबी ने मामले में अभी तक 6 राजपत्रित अधिकारियों, आईसीडीएस रेवाड़ी के 4 अधिकारियों तथा 4 अन्य लोगों की गिरफ्तारी की है। इनमें सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति (एआरसीएस) अनु कौशिक, ऑडिट आफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां करनाल रोहित गुप्ता, रामकुमार, जितेंद्र कौशिक, कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं। इसी प्रकार आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, डेवलपमेंट अधिकारी नितिन शर्मा तथा विजय सिंह की गिरफ्तारी की गई है। विभाग से बाहर के स्टालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष तथा रेखा को भी गिरफ्तार किया गया है। स्टालिन जीत की बैंस इंडिया लिमिटेड के नाम से कंपनी है, जिसकी ब्रांच कनाडा में भी खोल रखी है। इस कंपनी के माध्यम से अनु कौशिक व स्टालिन ने भारी रकम पर हाथ साफ किया है।

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