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सावित्री जिंदल ने तोड़ा पूर्व मंत्री महाजन का रिकॉर्ड, भाजपा प्रत्याशी की ज़मानत ज़ब्त

10:54 AM Oct 09, 2024 IST
हिसार में मंगलवार को सावित्री जिंदल की निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करने के बाद निकाले विजय जुलूस में बेटे नवीन जिंदल और समर्थकों के साथ । -हप्र

कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 8 अक्तूबर
देश की सबसे अमीर महिला पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने पहली बार हिसार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीतकर भूतपूर्व मंत्री ओमप्रकाश महाजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया वहीं भाजपा प्रत्याशी सहित सभी की जमानत जब्त हो गई है।
सावित्री जिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा को 18941 वोटों से शिकस्त दी है। सावित्री जिंदल को 49 हजार, 231 वोट मिले जबकि रामनिवास राड़ा को 30 हजार, 290 वोट मिले हैं। भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले हैं और उनकी ज़मानत ज़ब्त हो गई। जमानत बचाने के लिए उनको कम से कम 18 हजार, 770 वोटों की जरूरत थी। भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर गौतम सरदाना को छह हजार, 831 वोट और तरुण जैन को 1135 वोट मिले हैं।
हरियाणा के गठन के बाद हिसार विधानसभा सीट पर वर्ष 2019 तक कुल 13 आम चुनाव हो चुके हैं लेकिन यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सिर्फ एक ही प्रत्याशी पूर्व मंत्री ओमप्रकाश महाजन दो बार जीते हैं, इसके अलावा हिसार ने हर बार निर्दलीय प्रत्याशी को नकारा है। लेकिन सावित्री जिंदल ने पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और महाजन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इसके बाद वर्ष 2000 में ओमप्रकाश जिंदल ने कांग्रेस की टिकट पर फिर हिसार विधानसभा से चुनाव लड़ा और हरि सिंह सैनी को शिकस्त देकर विधायक बने। इसके बाद वर्ष 2005 का चुनाव भी हरि सिंह को शिकस्त देकर जीता लेकिन बाद में उनकी एक हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई और सावित्री जिंदल ने हिसार का उपचुनाव जीता। इसके बाद सावित्री जिंदल ने वर्ष 2009 का चुनाव भी जीता।
वर्ष 1967 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस की स्नेहलता विधायक बनीं जो पहली महिला विधायक भी थी। इसके बाद यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चार बार और जीते जिनमें एक बार सावित्री जिंदल और दो बार उनके पति स्व. ओमप्रकाश जिंदल थे। हालांकि सावित्री जिंदल ने कांग्रेस की टिकट पर एक उपचुनाव भी जीता और ओमप्रकाश जिंदल एक बार हरियाणा विकास पार्टी से भी विधायक बने। इसके अलावा यहां से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी दो बार (पिछले दोनों चुनावों में डॉ. कमल गुप्ता), और भारतीय क्रांतिकारी दल, जनता पार्टी व लोकदल के प्रत्याशी भी एक-एक बार जीत चुके हैं।

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यह है इतिहास
खास बात यह है कि ओमप्रकाश महाजन को देखकर ही जिंदल परिवार ने राजनीति में कदम रखा था। दरअसल ओमप्रकाश महाजन की एक साबुन की फैक्टरी थी और ओमप्रकाश जिंदल की स्टील फैक्टरी थी। हिसार में मीट-टू-प्रेस के दौरान ओमप्रकाश जिंदल ने कहा था कि उन्होंने सोचा कि उनसे छोटी फैक्टरी का मालिक मंत्री बन सकता है तो वह क्यों नहीं और राजनीति में आ गए। ओमप्रकाश महाजन यहां से पहली बार वर्ष 1982 में विधायक बने और वर्ष 1987 के चुनाव में हरि सिंह सैनी ने ओमप्रकाश महाजन को शिकस्त दी और पहली बार विधायक बने। इसके बाद जब जिंदल परिवार राजनीति में आया तो ओमप्रकाश जिंदल ने साल 1991 में हरियाणा विकास पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पहला चुनाव लड़ा और कांग्रेस से प्रत्याशी ओमप्रकाश महाजन को शिकस्त दी। इसके बाद वर्ष 1996 में उन्होंने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और सांसद बने। वर्ष 1996 के हिसार विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश महाजन ने हरि सिंह सैनी को हराया था।

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