सीलन से ऐसे बचाएं सामान
01:52 PM Aug 28, 2021 IST
वर्षा ऋतु में सीलन आ ही जाती है। भले ही वस्तुएं सूखी दिखाई देती हैं मगर उनसे निकलती अजीब-सी गंध उनमें सीलन होने का पुख्ता प्रमाण है। एक और प्रमाण तब मिलता है जब उन पर फंगस की परत दिखाई देती है। काष्ठ व चमड़े से बनी वस्तुओं पर सीलन का प्रभाव अधिक होता है। यदि ठीक समय पर सम्भाल न की जाये तो ये वस्तुएं रंगत खो देती हैं वहीं इनका टिकाऊपन कम हो जाता है। सीलन से दाल-मसालों में कीड़े लगने की आशंका बराबर बनी रहती है। आइये जानते हैं इनसे बचने के उपाय-
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- मसालों, दाल-चावल आदि रसोई के सामानों को समय-समय पर धूप दिखानी चाहिए।
- साबुत अनाज को एयरटाइट डिब्बों में रखना चाहिए
- बारिश के दिनों में दाल-चावल आदि अधिक मात्रा में लेकर न रखें। यानी जरूरत भी रखें ज्यादा स्टोर न करें।
- चमड़े व लोहे के सामान को जंग से बचाने के लिए तेल लगाएं। कड़ाही आदि पर भी तेल का हल्का हाथ लगा सकते हैं।
- बैग्स, सूटकेस की चेन पर वैक्स लगाने से वे जाम नहीं होती।
- कपड़े की अलमारी में फिनाइल की टिकिया या महीन कपड़े में लौंग, कपूर या नीम की सूखी पत्तियां रखने से कीड़ा नहीं लगता।
- कपड़ों, बिस्तर, कालीन, परदों आदि को धूप दिखाते रहें।
- कालीन के नीचे अखबार बिछाने से नमी से बचाव होता है।
- यदि चमड़े के जूते भीग गये हैं तो सुखाने व साफ करने के बाद ही शू रैक में रखें।
- वार्डरोब/अलमारी में कम वॉट का बल्ब जलाये रखने से नमी नहीं रहती। नमी नहीं रहेगी तो जाहिर है सीलन के इस मौसम में सामान सुरक्षित रहेगा।
- सब्जियों-फलों को फंग्स से बचाने के लिए अच्छी तरह धोने-पोछने के बाद ही फ्रिज में रखें।
- सम्भव हो तो, इन दिनों हल्के व धुलने वाले कारपेट प्रयोग में लाए जायें।
प्रस्तुति : कृष्णलता यादव
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