संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी पर आंकड़े छिपाने के आरोप
कैथल, 8 दिसंबर (हप्र)
श्री लवकुश महातीर्थ ट्रस्ट मूंदड़ी ने संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पर गुमराह कर झूठे आंकड़े देने के आरोप लगाए हैं। ट्रस्ट के सचिव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की सुध लेने के लिए वे मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुपपति रमेश भारद्वाज ने सरकार की ओर से आई टीम और सीएमओ के साथ आम लोगों को भी अंधेरे में रखा। आरोप है कि कुलपति ने स्वयं की नियुक्ति अप्रैल 2023 में बताई है जबकि उनकी नियुक्ति 3 अप्रैल, 2022 को हुई थी। वीसी ने झूठ बोला कि मास्टर प्लान उन्होंने नियुक्ति के बाद खुद तैयार करवाया जबकि मास्टर प्लान 26 फरवरी, 2022 को जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण मूंदड़ी आए थे उनके सामने रखा गया था। कुलपति का कहना है कि उनको चार एकड़ जमीन एक महीना पहले ही सरकार ने दी है जबकि सत्य ये है कि चार एकड़ जमीन श्री लवकुश महातीर्थ ट्रस्ट एवं ग्राम पंचायत मूंदड़ी ने 26 फरवरी, 2022 को मौका दिखाकर उसका देने का प्रस्ताव रखा था जोकि मुख्यमंत्री ने मौके पर ही स्वीकार करके सरकार को आदेश दिया था और जनवरी 2024 में इसकी रजिस्ट्री विश्वविद्यालय के नाम करवा दी गई थी। विश्वविद्यालय में दो ब्लॉक का टेंडर कुल 32 करोड़ में हुआ है जबकि कुलपति के अनुसार 57 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। ट्रस्ट के विरोध करने के बाद हरियाणा सरकार के आदेशानुसार कुछ समय पहले गलत नियुक्त लोगों की एवं पूर्व कुलपति डॉ श्रेयांश द्विवेदी के खिलाफ विजिलेंस जांच की गई जिसमें सभी की नियुक्ति गलत पाई गई। कुलपति ने हो रहे निर्माण का आज तक कोई भी क्वालिटी निरीक्षण नहीं करवाया। ट्रस्ट ने सरकार एवं सीएमओ द्वारा गठित से अपील की है कि वो इसकी निष्पक्ष जांच करे। इस बारे में वीसी से बात करना चाही तो उनका फोन बंद मिला।