पंजाब की सत्ता का केंद्र रहेगा संगरूर और अमृतसर जिला
चंडीगढ़, 4 जुलाई (ट्रिन्यू)
पंजाब में नई बनी सरकार में सत्ता का केंद्र संगरूर जिला रहेगा। भगवंत मान मंत्रिमंडल में राज्य के नौ जिलों को प्रतिनिधित्व मिल गया है जबकि 14 जिलों के विधायकों को भी इंतजार करना पड़ेगा। विपक्ष ने मंत्रिमंडल गठन में संतुलन नहीं होने का दावा करते हुए सरकार को घेर लिया है। पंजाब की मान सरकार में संगरूर जिला का प्रभाव सर्वाधिक है। जिला अनुसार देखे तो मुख्यमंत्री भगवंत मान संगरूर जिले के धूरी विधानसभा क्षेत्र से हैं। भगवंत मान के बाद दूसरे नंबर पर शपथ लेने वाले हरपाल सिंह चीमा भी संगरूर जिला की दिड़बा सीट से हैं। सोमवार को मंत्री बने सुनाम के विधायक अमन अरोड़ा भी संगरूर जिले से संबंधित हैं।
जंडियाला से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और डाक्टर इंदरबीर सिंह निज्जर, अजनाला से विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल अमृतसर जिले से संबंधित हैं। अब मान सरकार में अमृतसर जिले के भी तीन मंत्री हो गए हैं। डाक्टर बलजीत कौर मुक्तसर जिले की मलौट, भोआ से विधायक लाल चंद जिला पठानकोट, बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर, पट्टी से विधायक लालजीत सिंह भुल्लर जिला तरनतारन, होशियारपुर से विधायक ब्रहम शंकर जिम्पा और आनंदपुर साहिब से विधायक हरजोत सिंह बैंस जिला रूपनगर से शामिल हैं। इस बीच सोमवार को कैबिनेट मंत्री बनी अनमोल गगन मान मोहाली, चेतन सिंह जोड़ माजरा पटियाला तथा फौजा सिंह सरारी फिरोजपुर जिले से संबंधित हैं।
बलजिंदर, माणुके से नाराज पार्टी हाईकमान
पंजाब मंत्रिमंडल में दूसरे विस्तार के बाद एक बार फिर से कई चर्चित चेहरे मंत्री बनने से चूक गए हैं। दूसरे विस्तार के बाद अब साफ हो गया है कि पंजाब में निकट भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार की कोई संभावना नहीं है। पंजाब में सोमवार को बना नया मंत्रिमंडल बेहद चौंकाने वाला है। कई ऐसे नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने से चूक गए हैं जिन्हें पिछले दो दिनों से बधाई दी जा रही थी। मंत्रिमंडल गठन से पहले जगरांव से दूसरी बार विधायक बनी सरबजीत कौर माणुके का नाम सबसे आगे था। माणुके पिछले कार्यकाल के दौरान विपक्ष की उपनेता भी रही हैं। तलवंडी साबो से दूसरी बार विधायक बनी बलजिंदर कौर को न केवल मंत्री बनाए जाने बल्कि मजबूत विभाग दिए जाने की चर्चाएं तीन दिन से चल रही थी लेकिन वरिष्ठ होने के बावजूद वह भी मंत्री नहीं बन सकी। चुनाव के दौरान बलजिंदर व माणुके द्वारा दिखाए गए तेवरों से पार्टी हाईकमान अभी भी नाराज है जिसके चलते उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।