उत्तर भारत में सक्रिय होगा संघ, भविष्य का रोडमैप तैयार
चंडीगढ़, 26 अगस्त (ट्रिन्यू)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब उत्तरी भारत के राज्यों में और सक्रिय होगा। संघ ने सक्रियता बढ़ाने के लिए भविष्य का राडमैप तैयार कर लिया है। लंबे समय के बाद आरएसएस का उत्तर भारत का बड़ा आयोजन हरियाणा में होगा। शुक्रवार को रेवाड़ी में होने वाले इस आयोजन के दौरान लगातार तीन दिन यानी 29 अगस्त तक संघ नेताओं की मैराथन बैठकें चलेंगी। इसे लेकर संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले आज हरियाणा प्रवास पर रहेंगे।
आमतौर पर सरकार्यवाह हर साल इस तरह की बैठकें करते हैं। इस बार की बैठकों में हरियाणा में संघ के नेताओं व प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग दौर की बैठकें होंगी। साथ लगते राज्यों हिमाचल, पंजाब, नयी दिल्ली, हिमाचल और चंडीगढ़ में काम करने वाले उन संघ नेताओं को भी बैठक में बुलाया गया है, जो रहते हरियाणा में हैं, लेकिन उनके पास जिम्मेदारी इन राज्यों की है।
संघ की प्रदेश यूनिट बैठकों को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है। हरियाणा के प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश कुमार के अनुसार, बैठक में राज्य में चल रही संघ की शाखाओं और उनकी स्थिति की समीक्षा होगी। संघ शाखाओं में बढ़ोतरी को लेकर भी रणनीति बनेगी। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान संघ द्वारा किए गए कार्यों पर रिपोर्ट ली जाएगी। साथ ही, कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने की रणनीति तय होगी।
संघ की ओर से तीसरी लहर को देखते हुए ‘आयोग्य मित्र’ कार्यक्रम तैयार किया है। इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसी तरह से संघ के सामाजिक कार्यक्रमों, वृक्षारोपण, पर्यावरण बचाव, सामाजिक समरसमता, गौसंरक्षण जैसे कार्यक्रमों को लेकर विचार-विमर्श होगा। राजेश कुमार ने कहा कि एक दिन संघ के प्रचारकों के साथ बैठक होगी। इसके बाद सामाजिक कार्यक्रमों में जुटे प्रतिनिधियों के साथ चचर्चा होगी।
संघ की प्रांत की छोटी टोली के साथ भी दत्तात्रेय बैठक करेंगे। यहां बता दें कि हरियाणा में 2016-17 के दौरान 600 जगहों पर संघ की शाखा चलती थी। इसे एक लक्ष्य के साथ बढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया। 2019 तक हरियाणा में शाखाओं की संख्या बढ़कर 1200 तक पहुंच गई। कोरोना के चलते शाखाओं का विस्तार रुका हुआ था। अब शाखाओं को गांव स्तर तक पहुंचाने पर मंथन करते हुए रणनीति तैयार की जाएगी।
दत्तात्रेय होसबोले के हरियाणा प्रवास के दौरान शाखाओं के विस्तार कार्यक्रम पर मोहर लगाई जाएगी। इसके अलावा संघ के पुराने एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ राजनीतिक हालात पर मंथन किया जाएगा। यही नहीं, मंथन कार्यक्रम के दौरान स्वयं सेवकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही अंत्योदय योजना के साथ जोड़ा जा सकता है।