देश में 62 दवाओं के सैंपल फेल, सबसे अधिक हिमाचल में बनीं
अखिलेश महाजन/निस
चंबा, 21 दिसंबर
देश भर में 62 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। फेल सैंपल में सबसे अधिक खराब दवाएं हिमाचल में बनी हैं। यह दवाएं समान्य से लेकर गंभीर बीमारी की हैं। मानकों पर खरी न उतरने वाली इन दवाओं में बुखार को रोकने की पैरासिटामोल, उल्टी रोकने वाला इंजेक्शन, इंफेक्शन की दवा एजिथ्रोमाइसिन, पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजोल, कैंसर के रोगी को कीमोथैरेपी के दौरान दिए जाने वाले इंजेक्शन समेत कई जीवन रक्षक दवाएं व इंजेक्शन शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू 01, पंजाब 02, उत्तराखंड 08, महाराष्ट्र 04, हरिद्वार 03 , यूपी 01, गुजरात 03, मध्य प्रदेश 07, आंध्र प्रदेश 01, राजस्थान 01 आदि राज्यों में बनी दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। नवंबर माह में केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन ने 1197 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिसमें 1133 सैंपल सही पाए गए हैं 62 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इन दवाओं के बैच पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और स्टॉक मार्केट से वापस मंगवाया जा रहा है।
ये हैं संबंधित कंपनियां
जिन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें नालागढ़ गुरु माजरा की बोनसाई फार्मा की सेफीक्स सी जेड एलबी टेबलेट, बद्दी की हेलर्स लैब यूनिट-2 की पैरासिटामोल, बद्दी के मंधाला की ईजी फार्मास्यूटिकल्स का ओंडेस्ट्रॉन इंजेक्शन, बद्दी की मैक्सटार बॉयोजैनिक्स की एल्बेंडाजोल टेबलेट, झाड़माजरी की कान्हा बॉयोजेनेटिक कंपनी की कैिल्शयम एंड विटामीन डी-3, थाना बद्दी की माया बॉयोटैक प्राइवेट लिमिटेड की डोबयुटामिन इंजेक्शन, साईं रोड़ बद्दी की एफए पैरेन्ट्रेल फार्मा की पेंटाप्रोजोल टेबलेट और कैिल्शयम व जिंक टेबलेट, गुरूमाजरा बद्दी की सालूस फार्मास्यूटिकल्स स्पाइरोनोलेक्टोन टेबलेट, बद्दी की यूएसबी प्राइवेट लिमिटेड की फेनोफिब्रेट कैप्सूल, बरोटीवाला की मनीष फार्मास्यूटिकल्स की डॉक्सीनेटफोर्टी और मलकूमाजरा बद्दी की एएनजी लाइफ साइंसिस की सिप्रोफ्लोक्सीन टेबलेट के दो सैंपल फेल हुए हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है। हिमाचल में खराब दवाएं बनाने वाली कंपनियों को नोटिस जारी हो रहे हैं। जिन दवाओं को सैंपल फेल हुए हैं, बाजार ने उसका स्टॉक को वापस मंगवाने को कहा गया है।
- नवनीत मरवाह, ड्रग कंट्रोलर- हिमाचल प्रदेश