समराला, 27 फरवरी (निस)हाल ही में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा दी गई दोहरी उम्रकैद की सजा को अकाली नेता (Balwinder Singh Bamb) ने कम बताया है। अकाली नेता का कहना है कि ऐसे व्यक्ति के लिए तो फांसी से कम कोई सजा होनी ही नहीं चाहिए। निस्संदेह, इस फैसले से पीड़ित परिवारों को कुछ राहत तो जरूर मिली है, लेकिन सुकून नहीं। यह विचार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और विधान सभा हल्का समराला के सलाहकार ने प्रेस से बातचीत के दौरान व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि सिख नरसंहार से जुड़े मामले में दूसरी बार उम्रकैद की सजा हुई है। उस समय बाहरी दिल्ली से सांसद रहे सज्जन कुमार ने दंगाइयों की भीड़ का नेतृत्व किया था और सरस्वती विहार इलाके में एक सिख पिता-पुत्र को जिंदा जला दिया था। उन्होंने आगे कहा कि सज्जन कुमार जैसे दरिंदे ने दिल्ली नरसंहार में प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसे सिख कौम कभी भी माफ नहीं करेगी।उसे मिली दोहरी उम्रकैद की सजा से पीड़ित परिवारों को कुछ राहत तो महसूस हुई है, लेकिन जो घाव उनके अंदर हैं, वे अभी भी हरे हैं। सज्जन कुमार के बाद अब जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को सजा मिलने की बारी है। ऐसे दरिंदों को 41 साल बाद सजा मिलना, और पीड़ित परिवारों द्वारा इतने लंबे समय तक न्याय के लिए संघर्ष करना— यह वास्तव में सराहनीय है।