हिमस्खलन से रूसी स्कीयर की मौत, 7 को बचाया
श्रीनगर/बनिहाल/जम्मू, 22 फरवरी (एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में बृहस्पतिवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर एक रूसी स्कीयर की मौत हो गई, जबकि एक स्थानीय गाइड सहित सात लोगों को बचा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि हिमस्खलन ने ‘आर्मी रिज’ के नजदीक अफरवात चोटी के खिलानमार्ग को अपराह्न दो बजे अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, सात रूसी नागरिकों का समूह एक स्थानीय गाइड के साथ आर्मी रिज के उस क्षेत्र में चला गया, जहां स्की नहीं की जा सकती तथा जो हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील होता है।
गुलमर्ग पुलिस थाना के प्रभारी हारून कर ने बताया, ‘उस इलाके में पहले ही हिमस्खलन की चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद वे (लोग) उस इलाके में गए और दुर्भाग्य से एक स्कीयर की मौत हो गई।’ मृतक की पहचान रूस के मॉस्को निवासी हेंटेन के तौर पर की गई है। बचाए गए लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक विदेशी को विशेष इलाज के लिए श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है।
इस दौरान खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों के आयोजकों ने कहा कि सभी खिलाड़ी सुरक्षित हैं। जिस क्षेत्र में खेलों का आयोजन हो रहा है वहां हिमस्खलन नहीं हुआ। इन खेलों की शुरुआत बुधवार को हुई थी और इनमें 700 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
80 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को बचाया : जम्मू में बर्फीले तूफान और भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे 80 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को सेना की टुकड़ी ने बचा लिया है। बुधवार को भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण सड़कें बाधित हो गईं, जिसकी वजह से कई यात्री खतरनाक जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर फंस गए, जिनमें राजस्थान विधि महाविद्यालय के 74 छात्र और उनके साथ गये सात कर्मी शामिल थे। उन्होंने बताया कि सेना के जवानों ने तेजी से कार्रवाई की और कर्मचारियों और छात्रों को अवरुद्ध राजमार्ग संख्या 44 से बचाया।
भूस्खलन से मजदूर की मौत
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए भूस्खलन में एक निर्माण कंपनी के मजदूर की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मजदूर की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी देशपॉल (31) के रूप में हुई है, जो सुबह करीब 8.30 बजे रामबन जिले में सेरी के पास अपने कंपनी मुख्यालय के बाहर भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस बीच 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बनिहाल के पास किश्तवारी पाथेर में हुए भूस्खलन के बाद बृहस्पतिवार को चौथे दिन भी बंद रहा।