Russia Ukraine War: बाइडेन बोले- रूस पर प्रतिबंध लगाने से यूक्रेन को मदद मिलेगी
वाशिंगटन, 11 जनवरी (एजेंसी)
Russia Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने और मॉस्को के खिलाफ लड़ने में मदद मिल सके।
डोनाल्ड ट्रंप को कमान सौंपने से दस दिन पहले, बाइडेन प्रशासन ने शुक्रवार को उन कंपनियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए जो ऊर्जा, खास तौर पर गैस के निर्यात में रूस की मदद करती हैं। इनमें से दो कंपनियां भारत की हैं।
प्रतिबंध से संबंधित सूची में कहा गया है कि दो भारतीय कंपनियों ‘स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज' और ‘एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज' पर पाबंदी लगाई गई है।
बाइडेन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “ये प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं क्योंकि इनका रूसी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा तथा पुतिन के लिए युद्ध लड़ना और भी मुश्किल हो जाएगा।”
बाइडेन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “हो सकता है कि गैस की कीमतें 0.03 से 0.04 अमेरिकी डॉलर प्रति गैलन तक बढ़ जाएं, लेकिन इससे रूस की युद्ध लड़ने की क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।”
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मेरा मानना है कि पुतिन इस समय मुश्किल स्थिति में हैं। मुझे लगता है कि यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि उन्हें उन भयानक कार्यों को करने के लिए कोई मौका न मिले जो वह लगातार कर रहे हैं। उनके सामने आर्थिक समस्याए हैं, राजनीतिक समस्याएं हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर बुधवार को अंतिम भाषण देंगे बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पांच दिन पहले बुधवार को ओवल ऑफिस से विदाई भाषण देंगे। बीस जनवरी को पद छोड़ने से पहले यह राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों और दुनियाभर के लोगों के लिए बाइडेन का अंतिम भाषण होगा, जो रात आठ बजे आरंभ होगा।
वह सोमवार को विदेश मंत्रालय में अपने कार्यकाल की विदेश नीति पर केंद्रित एक भाषण देंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि बाइडेन सोमवार को अपने भाषण में ‘‘50 से अधिक वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन'' पर बात करेंगे।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट' में बाइडेन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था। बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा।