हरियाणा के ढाबों में ताक पर नियम
भरतेश सिंह ठाकुर/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 13 अगस्त
एनजीटी के निर्देशों के बाद हरियाणाभर में विशेष तौर पर जीटी रोड पर स्थित सैकड़ों रेस्तरां, होटल, मोटल, बैंक्वेट हॉल और ढाबों को विभिन्न मानदंडों का उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन भोजनालयों, होटलों में वायु/जल अधिनियमों के तहत संचालित करने के लिए सहमति, भूजल निष्कर्षण की अनुमति, स्वीकृत भवन योजना, अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी), अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र, ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण, पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं और जल संरक्षण उपायों को लेकर भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। भोजनालयों में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण मानदंडों को लागू करने के लिए मंजूरी की आवश्यकता होती है।
हरियाणा ने 7 जनवरी को दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त उपायुक्तों के नेतृत्व में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया था। इन कार्यबलों ने भोजनालयों का सर्वेक्षण किया और अनुपालन न करने वाली इकाइयों की सूची तैयार की। 3,207 प्रतिष्ठानों के लिए तैयार किए गए आंकड़ों में पाया गया कि 2,676 के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, संचालन के लिए सहमति नहीं होने के कारण 1,475 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 20 इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया है। गुप्ता ने कहा कि स्वीकृत भवन योजना नहीं होने के कारण 1,948 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
ईटीपी नहीं होने पर 1,016 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जबकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने ऐसी 12 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की है। पार्किंग की पर्याप्त सुविधा नहीं होने पर कुल 1,219 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ठोस कचरे का प्रसंस्करण नहीं करने के लिए 1,629 भोजनालयों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। एनजीटी के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया,’सभी गैर-अनुपालन इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं या जारी किए जा रहे हैं ताकि सीपीसीबी के दिशानिर्देशों का पालन करने का अवसर प्रदान किया जा सके। यदि मानदंडों का पालन नहीं किया जाता, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
एक पत्र से सामने आया मामला
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को लिखे एक पत्र से इन अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। पत्र में आरोप लगाया गया कि जीटी रोड मुरथल स्थित ढाबे, भोजनालय अवैध रूप से डंपिंग कर रहे हैं और कचरा जला रहे है। एनजीटी ने राज्य भर के ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को जांच में शामिल किया। बाद में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भारी अनियमतिताएं मिली थीं। इनमें भूजल निकालने, तरल और ठोस कचरे का अवैज्ञानिक प्रबंधन, वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण, खाना पकाने के तेल का अवैज्ञानिक उपयोग शामिल है।
- 3207 भोजनालयों में से 2676 के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं
- 1,475 प्रतिष्ठानों के पास ऑपरेट करने की सहमति नहीं
- 1,948 कर रहे भवन योजना का उल्लंघन
- 1,016 के पास ईटीपी का अभाव
- 1,219 भोजनालयों में पार्किंग सुविधा नहीं