For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

SGPC के फैसले पर बवाल, अकाली दल हरियाणा के नेताओं ने दिया सामूहिक इस्तीफा

02:25 PM Mar 08, 2025 IST
sgpc के फैसले पर बवाल  अकाली दल हरियाणा के नेताओं ने दिया सामूहिक इस्तीफा
बैठक के दौरान सिख नेता। हप्र
Advertisement

ललित शर्मा/हप्र, कैथल, 8 मार्च

Advertisement

Akali Dal Politics: गुरुद्वारा नीम साहिब में रविवार को समूह सिख संगत की विशेष बैठक हुई, जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के हालिया फैसलों की तीखी आलोचना की गई। बैठक की अध्यक्षता शरणजीत सिंह सीथा ने की।

सिख संगत ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह, श्री आनंदपुर साहिब के जत्थेदार सुल्तान सिंह और पूर्व जत्थेदार हरप्रीत सिंह को हटाने के SGPC के निर्णय को तानाशाही भरा और तुगलकी फरमान बताया। इस फैसले के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए संगत ने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल अब एक परिवार की निजी संपत्ति बनकर रह गया है।

Advertisement

अकाली दल हरियाणा के नेताओं ने छोड़ा पद

SGPC के इस कदम के विरोध में शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने दो टूक कहा कि वे अकाली विचारधारा के प्रति समर्पित हैं, लेकिन गलत फैसलों के साथ नहीं चल सकते।

इस्तीफा देने वालों में ये हैं शामिल

इस्तीफा देने वालों में  शरणजीत सिंह सौथा – प्रधान, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा, सुखबीर सिंह माण्डी – पी.ए.सी. सदस्य व प्रधान महासचिव, पिरथीपाल सिंह झब्बर – वरिष्ठ उप-प्रधान, कुलदीप सिंह चीमा – युवा अकाली दल हरियाणा प्रधान, मालक सिंह चीमा – महासचिव, जींद, भूपिंद्र सिंह – जिला प्रधान, कैथल, प्रीतम सिंह – महासचिव, अकाली दल कैथल, गुरमीत सिंह पुनियां – महासचिव, हरियाणा, सुच्चा सिंह कमेडी – महासचिव, जिला कैथल।

बैठक में उमड़ा जनसैलाब

इस ऐतिहासिक बैठक में नरबैर सिंह गोराया, सिकंदर सिंह जींद, एडवोकेट मनिंदर सिंह, गुरमहिंद्र सिंह गोराया (सरपंच), बलराज सिंह पोलड, अमरजीत सिंह फिरोजपुर, सुरजीत सिंह रामदासपुरा, अवतार सिंह सौथा, जसबीर सिंह सैर, परमजीत सिंह रामदासपुरा और सुखविंदर सिंह (पूर्व सरपंच, रामदासपुरा) सहित बड़ी संख्या में संगत शामिल हुई।

बैठक में SGPC के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करने और सिख संगत की भावनाओं के अनुरूप आगे की रणनीति तय करने का संकल्प लिया गया। नेताओं ने कहा कि यह लड़ाई सिख सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जारी रहेगी।

Advertisement
Tags :
Advertisement