बजट पर हंगामा, सांकेतिक वॉकआउट के बाद चलती रही संसद
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (एजेंसी)
आम बजट में विभिन्न राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बुधवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने हंगामा व, वॉकआउट किया। हालांकि बाद में सदन सुचारू रूप से चले। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के इन आरोपों को ‘बेतुका’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘बजट में किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।’ उन्होंने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला। उन्होंने प्रश्न उठाया कि अगर बजट में संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा? इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। खड़गे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बजट पेश करने के दौरान महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया लेकिन हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना (महाराष्ट्र) को मंजूरी दे दी है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को बेतुका बताया। सीतारमण अभी जवाब दे ही रही थीं कि विपक्षी दलों के सदस्य सदन में लौट आए। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह चर्चा के समय को और बढ़ा देंगे। इसके बाद शून्यकाल आरंभ हुआ और सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ी।
उधर, लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने बजटीय आवंटन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन आसन से अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने कुछ देर के लिए सदन से वाॅकआउट किया। कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। अध्यक्ष ने कहा, ‘सदन में नियोजित तरीके से व्यवधान डालना सही नहीं है।’ इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाॅकआउट किया। इसके बाद प्रश्नकाल सुगम तरीके से चला। इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने संसद भवन परिसर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।