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हरियाणा कांग्रेस में घमासान : उदयभान ने हफ्ता पहले जारी की जिला प्रभारियों की सूची, बाबरिया ने लगाई रोक

05:04 AM Dec 25, 2024 IST

चंडीगढ़, 24 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली हार से भी सबक लेने को तैयार नहीं है। वरिष्ठ नेताओं के बीच छिड़ी आपसी वर्चस्व की लड़ाई के चलते एक बार फिर से पार्टी को नुकसान हुआ है। करीब एक सप्ताह पहले जारी की गई जिला प्रभारियों की सूची पर मंगलवार को पार्टी प्रभारी ने रोक लगा
दी है।
इनमें से कई प्रभारियों ने तो स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर बैठकें लेना भी शुरू कर दिया था। हरियाणा में कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते पिछले करीब 10 वर्ष से संगठन का गठन नहीं हो सका है। इस बीच कई प्रभारी व कई प्रदेश अध्यक्ष बदले जा चुके हैं। हाल ही में हुआ विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस द्वारा बगैर संगठन के लड़ा गया है।
ब्लाक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, विधानसभा व मंडल अध्यक्ष तथा प्रदेश कार्यकारिणी जैसे महत्वूपर्ण पदों को छोड़कर पूर्व में बने प्रदेशाध्यक्ष काम चलाने के लिए कुछेक नियुक्तियां करते रहे हैं।
अब हरियाणा में अगले माह निकाय चुनाव होने जा रहे हैं। जिसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष उदयभान द्वारा बीती 18 दिसंबर को एक आदेश जारी करके सभी जिलों में प्रभारी नियुक्त किए गए थे। इनमें छह मौजूदा विधायकों के अलावा 14 पूर्व विधायक एवं मंत्रियों को जिला प्रभारी लगाया गया था।
इन नियुक्तियों के पीछे मुख्य उद्देश्य निकाय चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं को धरातल पर एकजुट करना था ताकि विधानसभा चुनाव जैसे समीकरण दोबारा न पैदा हों। इन नियुक्तियों के बाद कांग्रेस की भीतरी गुटबाजी जमकर तेज हो गई। कुछ नियुक्तियों पर हुड्डा गुट तो कुछ नियुक्तियों पर सैलजा व रणदीप सुरजेवाला गुट को आपत्ति थी। हाईकमान के दरबार में इन नियुक्तियों के विरूद्ध रोजाना शिकायतें पहुंच रही थी। जिसके चलते पार्टी ने मंगलवार को एक आदेश जारी करके जिला प्रभारियों की नियुक्तियों को होल्ड कर दिया।
कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आदेशों में साफ किया गया है कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय द्वारा 18 दिसंबर को जारी की गई जिला प्रभारियों की सूची को तत्काल प्रभाव से होल्ड किया जाता है। आगामी आदेशों तक इस सूची पर अमल निलंबित रहेगा। इससे पहले भी कांग्रेस में कई पदों पर जारी की गई सूचियों को हाईकमान की तरफ से होल्ड किया जा चुका है। नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण यह सूची रोकी गई है, जिसका खामियाजा धरातल के कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़
रहा है।

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