सड़कें बंद, रेल सेवा प्रभावित, घटे पर्यटक
ज्ञान ठाकुर/ हप्र
शिमला, 6 अगस्त
हिमाचल का पर्यटन कारोबार आपदा के बहाव में बह गया है। प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हिमाचल में शिमला-कालका व मनाली हाईवे बंद होने के साथ ही रेल सेवा ठप्प होने से होटलों में ऑक्यूपेंसी शून्य हो गई है। होटलों के साथ ही टुअर व ट्रैवल ऐजेंटों, फोटोग्राफर्स व टैक्सी ऑपरेटर्स पर भी आपदा की जबरदस्त मार पड़ी है। ऐसे में अब कमाई ठप्प होने से पर्यटन कारोबारी सरकार से मदद व राहत की गुहार लगा रहे हैं। शिमला में 2018 के ग्रीष्म कालीन पर्यटक सीजन में पानी की किल्लत के बाद से पर्यटन कारोबार पटरी पर नहीं लौट सका। 2020 से 2022 के प्रारंभ तक कोरोना संक्रमण की मार पर्यटन उद्योग पर पड़ी। 2023 में प्राकृतिक आपदा ने पर्यटन उद्योग को झकझोर कर रख दिया है। शिमला के साथ कुल्लू मनाली, जनजातीय इलाकों लाहौल स्पीति व किन्नौर के अलावा प्रदेश के अन्य भागों में भी सैर सपाटे के लिए आने वाले सैलानियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई है। आलम यह है कि होटलों में ऑक्यूपेंसी शून्य के बराबर है। शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने सरकार से पर्यटन कारोबारियों के पानी-बिजली के बिलों के भुगतान को बिना सरचार्ज के 6 महीने के लिए डेफर करने के साथ ही पर्यटकों का आवागमन शुरू होने तक गार्बेज शुल्क को माफ करने की मांग की है। साथ ही बिजली पर लगने वाले फिक्स्ड डिमांड चार्जेज को 6 महीने तक माफ किया जाए। कालका शिमला रेल सर्विस को जल्द बहाल करने की भी उन्होंने मांग की है।
क्या कहते हैं कारोबारी
शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेक होल्डर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष मोदिंद्र सेठ का कहना है कि होटल इंडस्ट्री में सबसे अधिक रोजगार मिला है। मगर अब कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है। जुलाई महीने मे शून्य ऑक्यूपेंसी के कारण बिजली ,पानी के बिलों और अन्य फिक्स्ड खर्चों का भुगतान करने के लिए भी व्यावसायी असमर्थ नजर आ रहे हैं।