आरकेएसडी कॉलेज कैथल ने जीती ओवर ऑल ट्राफी
विनोद जिंदल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 28 अक्तूबर
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इस वर्ष का रत्नावली महोत्सव पूरी तरह से सफल रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा की युवा पीढ़ी इस महोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का कार्य कर रही है। इस बार महोत्सव में बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है। कुलपति ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सामूहिक प्रयासों से रत्नावली महोत्सव सफल हुआ।
इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चैधरी, और युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इस साल आरकेएसडी पीजी कॉलेज, कैथल ने ओवरऑल ट्रॉफी जीती, जबकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की टीम रनर अप रही।
महोत्सव में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें नृत्य प्रतियोगिता में एसडी कॉलेज पानीपत ने ओवरऑल ट्रॉफी जीती। ओवरऑल फाइन आर्ट्स ट्रॉफी केयू कैम्पस की टीम को मिली, जबकि ओवरऑल लिटरेरी इवेंट्स ट्रॉफी गवर्नमेंट कॉलेज, जींद ने जीती।
प्रतियोगिताओं के परिणाम भी उत्साहवर्धक रहे। हरियाणवी कविता प्रतियोगिता में गवर्नमेंट कॉलेज, जींद ने पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं हरियाणवी भाषण प्रतियोगिता में गवर्नमेंट कॉलेज जींद के हर्ष ने पहला स्थान हासिल किया। अन्य प्रतियोगिताओं में भी विभिन्न कॉलेजों ने भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
संस्कृति को आगे बढ़ाना युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी
कुलपति प्रो. सचदेवा ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति को जीवित रखने के लिए यह महोत्सव महत्वपूर्ण है। यह युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोएं। उन्होंने कहा कि रत्नावली महोत्सव ऐसे आयोजनों का प्रतीक है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान देते हैं।
जो मजा खुले में सांग देखने का है, वो फोन पर नहीं...
कुरुक्षेत्र, 28 अक्तूबर (हप्र)
'जो मजा खुले में सांग देखने का है, वो फोन पर नहीं...' यह कहना है रत्नावली महोत्सव में सांग देखने आए बुजुर्गों का। महोत्सव में खुले मंच पर तीन दिनों से सांग का आयोजन हो रहा है, जिसमें दूर-दूर से बुजुर्ग विशेष रूप से भाग लेने आए हैं। सांग एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें पुरानी कहानियों को प्रदर्शित किया जाता है। ये कहानियाँ आमतौर पर जीवन, प्रेम, रिश्तों और समाज के मुद्दों पर आधारित होती हैं।
सांग की विशेषता इसकी सरलता और सीधे शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इसके बोल आमतौर पर ऐसे होते हैं कि लोग आसानी से पहचान सकते हैं और इसे गा सकते हैं। कुल मिलाकर, सांग भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करता है। केयू रत्नावली महोत्सव में सांग देखने पहुंचे बुजुर्गों में ज्यादातर की आयु 70 से 80 वर्ष से अधिक है।
वर्तमान में, जहां वैज्ञानिक प्लास्टिक और स्टील के स्थान पर भोजन रखने के लिए नए विकल्प खोज रहे हैं, वहीं हरियाणा दिवस के राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव के क्राफ्ट मेले में मिट्टी और कागज से बनाए गए बर्तन एक बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं। हालांकि आज लोग आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, इससे उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
रत्नावली महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा नेता एवं केयू के पूर्व छात्र गुलाब सिंह सैनी ने कहा कि युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए कोई न कोई कौशल जरूर विकसित करना चाहिए, क्योंकि आज भारी संख्या में युवा विदेश जा रहे हैं। विदेश में वही छात्र सफल होते हैं, जिनके पास कोई न कोई हुनर होता है। इसलिए विदेश जाने से पहले प्रत्येक बच्चे को किसी न किसी कौशल में अपने आप को पारंगत होना चाहिए। रत्नावली के मंच पर सोमवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के ग्रुप डांस हरियाणा के प्रतिभागियों ने धूम मचा दी।