Rishikesh-Karnprayag Rail Project: भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक उपलब्धि, देश की सबसे लंबी रेल सुरंग का निर्माण पूरा
नयी दिल्ली, 2 जुलाई (भाषा)
Rishikesh-Karnprayag Rail Project: भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत देवप्रयाग से जनासू के बीच 14.58 किलोमीटर लंबी दोहरी रेल सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया है। यह सुरंग अब देश की सबसे लंबी रेल सुरंग बन गई है।
इस परियोजना के अंतर्गत कार्यरत निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने सुरंग निर्माण के क्षेत्र में एक नया विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया है। एलएंडटी लिमिटेड के निदेशक एस.वी. देसाई ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि कंपनी की टीम ने ‘शिव’ नामक सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग करते हुए केवल 31 दिनों में 790 मीटर सुरंग खोद कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। देसाई ने कहा यह रिकॉर्ड सुरंग निर्माण में टीबीएम तकनीक के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना के तहत तैयार की जा रही एक सुरंग का काम 29 जून को पूरा करने के साथ ही निर्माण कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो' ने सुरंग निर्माण में ‘सिंगल-शील्ड हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन' के उपयोग का नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया है।
भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए देवप्रयाग से जनासू के बीच 14.58 किलोमीटर लंबी दोहरी रेल सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया है। यह सुरंग अब देश की सबसे लंबी रेल सुरंग बन गई है।#IndianRailways#RailwayTunnel#DevprayagToJanasu#RailwayInfrastructure pic.twitter.com/GiqVS7FfmD
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 2, 2025
यह 13.09 किलोमीटर लंबी सुरंग डाउनलाइन है जो 14.57 किलोमीटर लंबी अपलाइन सुरंग से समानांतर और 25 मीटर की दूरी पर है। अपलाइन सुरंग की खुदाई का काम इसी साल 16 अप्रैल 2025 को पूरा कर लिया गया था। देवप्रयाग और जनासू के बीच ये दोहरी सुरंगें देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग हैं और उत्तराखंड में महत्वाकांक्षी 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल संपर्क परियोजना का हिस्सा हैं।
इस मार्ग को दिसंबर 2026 में चालू किया जाना है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि दोनों सुरंगों की कुल लंबाई 30 किलोमीटर है। सुरंग बनाने में 70 प्रतिशत कार्य (21 किमी) टीबीएम के माध्यम से किया गया, शेष 30 प्रतिशत (नौ किमी) खुदाई और ब्लास्ट के माध्यम से पूरा किया गया।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘शक्ति नाम की पहली टीबीएम ने 16 अप्रैल को निर्धारित समय से 12 दिन पहले अपलाइन सुरंग का 10.47 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया था, जबकि दूसरी टीबीएम शिव ने निर्धारित समय से एक दिन पहले 29 जून को डाउनलाइन सुरंग का 10.29 किलोमीटर निर्माण पूरा कर लिया।'
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की महत्वाकांक्षी योजना
यह परियोजना उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात की सुगमता और चारधाम यात्रा को रेल मार्ग से जोड़ने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। कुल 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में कई सुरंगें और पुल शामिल हैं। परियोजना के पूरे होने पर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी।
रेल लाइन के मुख्य बिंदु
- 14.58 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंग — भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग
- 31 दिन में 790 मीटर खुदाई — टीबीएम ‘शिव’ के माध्यम से बना विश्व रिकॉर्ड
- परियोजना का उद्देश्य — उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को बेहतर रेल संपर्क प्रदान करना
- निर्माण एजेंसी — लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (L&T)