RIP Syed Abid Ali : पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का निधन, विकेटों के बीच तेज दौड़ के लिए जाते थे पहचाने
नई दिल्ली, 12 मार्च (भाषा)
RIP Syed Abid Ali : अपनी बहुमुखी प्रतिभा और कुशल क्षेत्ररक्षण के लिए मशहूर पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। आबिद अली हैदराबाद के शानदार क्रिकेटरों के समूह में शामिल थे, जिसका हिस्सा एमएके पटौदी, एमएल जयसिम्हा और अब्बास अली बेग थे। उनका निधन अमेरिका में हुआ।
आबिद अली के निधन की खबर उत्तरी अमेरिका क्रिकेट लीग (एनएसीएल) ने साझा की। फेसबुक पर पोस्ट किया कि मैं पूरी श्रद्धा से आपके साथ भारत के क्रिकेट के दिग्गज चाचा सैयद आबिद अली के निधन की खबर साझा कर रहा हूं। उन्होंने कैलिफोर्निया के ट्रेसी को अपना घर बनाया और जिनकी उल्लेखनीय विरासत हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है।
उत्तरी अमेरिका क्रिकेट लीग और उत्तरी कैलिफोर्निया क्रिकेट संघ खाड़ी क्षेत्र में क्रिकेट का विकास में उनके अथक प्रयासों और योगदान के लिए कृतज्ञ है जो उनके स्थायी प्रभाव का प्रमाण है। आइए हम उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में याद करें और उनकी उल्लेखनीय विरासत का जश्न मनाएं। आबिद अली ने दिसंबर 1967 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
पहली पारी में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 55 रन देकर छह विकेट चटकाए। इसी श्रृंखला में उन्होंने बल्लेबाजी में भी अपनी क्षमता दिखाते हुए सिडनी टेस्ट में 78 और 81 रन की पारियां खेली। आबिद अली ने 1967 और 1974 के बीच भारत के लिए 29 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 1018 रन बनाए और 47 विकेट लिए। वह विकेटों के बीच तेज दौड़ के लिए पहचाने जाते थे और अपने समय के सबसे बेहतरीन क्षेत्ररक्षकों में से एक थे। आबिद अली के पास एक दुर्लभ विशिष्टता भी थी।
उन्होंने कई मुकाबलों में भारत के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की शुरुआत की। उन्होंने 1968 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दो बार, 1969 में घरेलू मैदान पर तीन बार और 1971 में वेस्टइंडीज के दौरे पर दो बार ऐसा किया। उनका वनडे करियर संक्षिप्त लेकिन ऐतिहासिक रहा। आबिद अली अजीत वाडेकर की अगुआई वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला था। यह 55 ओवर का मैच था जिसमें भारत हार गया था।
अली 1975 में पहले एकदिवसीय विश्व कप में भी भारतीय टीम का हिस्सा थे और उन्होंने तीन मैच खेले। क्रिकेट जगत ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक समर्पित गुरू, एक टीम खिलाड़ी और एक असाधारण इंसान के रूप में याद किया।