For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

RIP Manoj Kumar : प्रेम चोपड़ा ने मनोज कुमार को किया याद, कहा- उनमें खलनायकों को सकारात्मक भूमिका देने का साहस था

11:10 PM Apr 04, 2025 IST
rip manoj kumar   प्रेम चोपड़ा ने मनोज कुमार को किया याद  कहा  उनमें खलनायकों को सकारात्मक भूमिका देने का साहस था
Advertisement

मुंबई, 4 अप्रैल (भाषा)

Advertisement

RIP Manoj Kumar : दिग्गज अभिनेता प्रेम चोपड़ा का कहना है कि वह हमेशा दिवंगत मनोज कुमार के ऋणी रहेंगे क्योंकि उन्होंने ही फिल्म ‘शहीद' में सकारात्मक भूमिका निभाने को लेकर उन पर भरोसा जताया था। कुमार का 87 वर्ष की आयु में शुक्रवार को उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। कुमार ने चोपड़ा के साथ 1964 में आई फिल्म ‘वो कौन थी?' में काम किया था।

फिल्म के निर्माण के दौरान मनोज कुमार ने चोपड़ा से ‘शहीद' में क्रांतिकारी सुखदेव की भूमिका निभाने के लिए कहा था। एस. राम शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मनोज कुमार ने भगत सिंह की प्रतिष्ठित भूमिका निभाई थी। चोपड़ा ने कहा, “उन्होंने (मनोज कुमार ने) मुझे ‘शहीद' में एक सकारात्मक भूमिका की पेशकश की। इसमें मेरी भूमिका बहुत अच्छी थी। लोग आज भी इसके बारे में बात करते हैं, मैं इस अवसर के लिए आभारी हूं। बाद में, उन्होंने मुझे ‘उपकार' में एक भूमिका की पेशकश की, जिसमें नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के पहलू थे। मुझे जो भी अच्छा काम मिला, मैंने उसे हाथ से जाने नहीं दिया।

Advertisement

उन्होंने कहा कि मनोज कुमार अक्सर अपनी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले अभिनेताओं को सकारात्मक किरदार में लेते थे। हिंदी सिनेमा में लंबे समय तक खलनायक के रूप में पहचाने जाने वाले प्राण ने मनोज कुमार की 1967 में निर्देशित फिल्म ‘उपकार' में मलंग चाचा की यादगार भूमिका निभाई। उन्होंने (मनोज कुमार ने) प्राण साहब को ‘उपकार' में सकारात्मक भूमिका देकर उनकी छवि बदल दी, जो एक कट्टर खलनायक थे। फिल्म निर्माता अक्सर किसी अभिनेता को असामान्य तरीका का किरदार देने का जोखिम नहीं उठाते, लेकिन उनमें (मनोज कुमार में) एक अलग भूमिका देने का साहस था।

वह एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। मुझे उनकी कमी खलेगी, वह मेरे बहुत प्यारे दोस्त थे। हम अक्सर एक-दूसरे से मिलते थे और लगभग हर पारिवारिक समारोह में शामिल होते थे। पिछले आठ से दस महीनों से वे फोन नहीं उठा रहे थे, इसलिए मैं अक्सर उनके बेटे से बात करता था और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेता था।

Advertisement
Tags :
Advertisement