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RIP: CBI के पूर्व निदेशक विजय शंकर का निधन, 76 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

07:43 PM Dec 03, 2024 IST
rip  cbi के पूर्व निदेशक विजय शंकर का निधन  76 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
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नई दिल्ली, 3 दिसंबर (भाषा)

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RIP: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक विजय शंकर का मंगलवार को 76 साल की उम्र में निधन हो गया। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी शंकर लंबे समय से बीमार थे। शंकर के परिवार ने बताया कि वह कुछ समय से नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। परिवार के मुताबिक, शंकर की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को दान कर दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश कैडर के 1969 बैच के आईपीएस अधिकारी शंकर ने 12 दिसंबर 2005 से 31 जुलाई 2008 तक सीबीआई के निदेशक के तौर पर कार्य किया था। सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘उन्हें सीबीआई के साथ-साथ पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करने के लिए याद किया जाएगा, क्योंकि उनकी इच्छा के अनुसार विजय शंकर के परिवार ने उनका पार्थिव शरीर चिकित्सा अनुसंधान के लिए एम्स को दान कर दिया है।

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''सीबीआई के पूर्व निदेशक अनिल सिन्हा ने भी शंकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने एक सज्जन व्यक्ति को खो दिया है। एक ईमानदार और साहसी अधिकारी, जिन्हें हम उनकी तीक्ष्ण बुद्धि और सिद्धांत के अनुकूल आचरण के लिए जानते थे। हम उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं।''

सीबीआई निदेशक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, एजेंसी ने चर्चित आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले की जांच की थी। जब वह सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक थे, तो उनकी निगरानी में ही पुर्तगाल से गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी का प्रत्यर्पण किया गया था। उन्होंने तेलगी घोटाले (स्टैंप पेपर घोटाला) की जांच की भी निगरानी की थी। सीबीआई निदेशक नियुक्त होने से पहले शंकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, तथा नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के प्रमुख भी रहे।

उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में महानिरीक्षक के पद पर भी कार्य किया। उन्नीस सौ नब्बे के दशक में जब जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां चरम पर थीं, तब शंकर वहीं तैनात थे। अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुलिस पदक प्राप्त करने वाले शंकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस में और विदेश मंत्रालय के अधीन मॉस्को में भी अपनी सेवाएं दीं।

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