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कश्मीर समेत हर जगह मुस्लिमों के लिए आवाज उठाने का अधिकार

11:40 AM Sep 04, 2021 IST

इस्लामाबाद, 3 सितंबर (एजेंसी)

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तालिबान के शासन तले अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किए जाने की आशंका के बीच समूह ने कहा है कि उसे कश्मीर समेत हर कहीं मुस्लिमों के पक्ष में बोलने का अधिकार है। हालांकि उसने कहा कि उसकी किसी भी देश के खिलाफ ‘सशस्त्र अभियानों’ को अंजाम देने की नीति नहीं है। दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने वीडियो लिंक के जरिए बीबीसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘हम आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुस्लिम आपके अपने लोग हैं, आपके अपने नागरिक और उन्हें आपके कानून के तहत समान अधिकार मिलने चाहिए।’

कुछ दिन पहले नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के अनुरोध पर दोहा में उसके राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की। उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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तालिबान को उम्मीद, चीन करेगा पुनर्निर्माण

पेशावर (एजेंसी) : अफगान तालिबान ने चीन को अपना ‘सबसे महत्वपूर्ण साझेदार’ बताते हुए कहा है कि उसे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और तांबे के उसके समृद्ध भंडार का दोहन करने के लिए चीन से उम्मीद है। अफगानिस्तान भूख और आर्थिक बदहाली की आशंका का सामना कर रहा है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि समूह चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल का समर्थन करता है जो बंदरगाहों, रेलवे, सड़कों और औद्योगिक पार्कों के विशाल नेटवर्क के जरिए चीन को अफ्रीका, एशिया और यूरोप से जोड़ेगी। जियो न्यूज ने मुजाहिद के हवाले से कहा, ‘चीन हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है और हमारे लिए एक मौलिक और विशेष अवसर पेश करता है।’ मुजाहिद ने बृहस्पतिवार को एक इतालवी अखबार से कहा, ‘देश में तांबे की समृद्ध खदानें हैं, जो चीनियों की मदद से वापस संचालित हो सकती हैं। चीन दुनियाभर के बाजारों के लिए भी हमारा रास्ता है।’

काबुल में महिलाओं का प्रदर्शन

काबुल : राजधानी काबुल में राष्ट्रपति आवास के बाहर कुछ महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इन्होंने महिलाओं के अधिकारों को बरकरार रखने और सरकार में महिलाओं को भी जगह देने की मांग की। करीब 12 महिलाओं ने छोटे पोस्टर ले रखे थे जिन पर अनुरोध था, ‘महिलाओं की उपस्थिति के साथ एक साहसी मंत्रिमंडल।’ प्रदर्शनकारियों ने मानवाधिकारों की मांग करते हुए नारे लगाए और कहा कि वे अतीत में लौटना नहीं चाहतीं। इन्होंने मांग की कि अफगान महिलाओं को शिक्षा, राजनीतिक योगदान का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी दी जाए।

-एजेंसी

लोकप्रिय टीवी कार्यक्रमों में बदलाव

दुबई (एजेंसी) : अफगानिस्तान के सबसे लोकप्रिय निजी टेलीविजन नेटवर्क ने अपने उत्तेजक तुर्किश धारावाहिकों और संगीत कार्यक्रमों के स्थान पर देश के नए तालिबानी शासकों के अनुरूप जानवरों से संबंधित कार्यक्रम दिखाना शुरू कर दिया है। तालिबान ने कहा है कि मीडिया इस्लामिक कानूनों के विरोधाभासी कार्यक्रम न दिखाए। इसके बावजूद अफगानिस्तान के स्वतंत्र समाचार स्टेशन महिला एंकरों को दिखा रहे हैं। इस बीच तोलो न्यूज के मालिकाना हक वाले मॉबी समूह के अध्यक्ष और सीईओ साद मोहसेनी ने कहा कि उनका मानना है कि तालिबान मीडिया को इसलिए बर्दाश्त कर रहा है क्योंकि वे मानते हैं कि उन्हें लोगों के दिल जीतने हैं।

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