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भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का सही समय : मोदी

08:51 AM Oct 26, 2024 IST
नयी दिल्ली में शुक्रवार को भारत और जर्मनी के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के सामने दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बैरबॉक। -मानस रंजन भुई

नयी दिल्ली, 25 अक्तूबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की कंपनियों को देश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए शुक्रवार को कहा कि निवेश के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है और देश की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय है। प्रधानमंत्री ‘एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ के यहां आयोजित 18वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने पीएम मोदी से मुलाकात की।
मोदी ने कहा कि जर्मनी ने भारत के कुशल कार्यबल में जो विश्वास व्यक्त किया है, वह अद्भुत है, क्योंकि यूरोपीय राष्ट्र ने कुशल भारतीय कार्यबल के लिए वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने का निर्णय लिया है। मोदी ने कहा, ‘भारत वैश्विक व्यापार तथा विनिर्माण का केंद्र बन रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत आज लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और ‘डेटा’ के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। यह सम्मेलन 12 वर्षों के अंतराल के बाद शुक्रवार को आयोजित किया गया।
मोदी ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष को चिंताजनक बताया और कहा कि भारत शांति बहाली के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार है। उनकी टिप्पणी जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ हुई बातचीत के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत से यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का राजनीतिक समाधान खोजने में योगदान देने का आह्वान किया। मोदी ने जर्मन चांसलर के साथ सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के बाद कहा, ‘यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष हम दोनों के लिए चिंता के विषय हैं। भारत का हमेशा मत रहा है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।’
शोल्ज ने वैश्विक संघर्षों के राजनीतिक समाधान की वकालत की : सम्मेलन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने वैश्विक संघर्षों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानूनों पर आधारित राजनीतिक समाधान की वकालत की। उन्होंने कहा कि समृद्धि, व्यापार और आर्थिक सहयोग को संरक्षित करना जरूरी है। उन्होंने मध्य पूर्व, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर जैसे क्षेत्रों में लगातार तनाव और यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों से उत्पन्न खतरों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘बहुध्रुवीय दुनिया में कोई वैश्विक प्रहरी नहीं है। अगर यूक्रेन युद्ध में रूस सफल हो जाता है, तो इसका असर यूरोप की सीमाओं से कहीं आगे तक होगा।

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