स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में समृद्ध कैरियर संभावनाएं
कीर्तिशेखर
बढ़ते प्रदूषण स्तर के चलते ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं मानवता के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। ऐसे में क्लीन या ग्रीन एनर्जी पर देश-दुनिया का ध्यान केंद्रित होना स्वाभाविक है। साफ-सुथरी ऊर्जा जेनरेशन, वितरण व प्रोजेक्ट प्रबंधन आदि के लिए पेशेवरों की भी जरूरत होगी। यानी इस क्षेत्र में रोजगार पैदा होंगे। अपने देश में फिलहाल ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इस क्षेत्र में रोजगार पाने वालों में सोलर, विंड, बायोमॉस और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में लगे कई तरह के तकनीशियन, इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर और सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। भारत सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता हासिल हो, जिससे इस क्षेत्र में और ज्यादा नौकरियां पैदा होने के चांस हैं। अगर विशेषज्ञों के अनुमान पर भरोसा करें तो अगले 5 से 10 सालों में भारत में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में 50 लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। इनमें से बड़ी संख्या में तकनीकी और गैर तकनीकी पदों की नौकरियां होंगी। जैसे सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एनर्जी मैनेजमेंट और परियोजना प्रबंधन। जैसे-जैसे ग्रीन एनर्जी परियोजनाएं बढ़ेंगी, रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी अधिक से अधिक विशेषज्ञों की जरूरत होगी।
किन लोगों के लिए है चांस
ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कैरियर बनाना उन लोगों के लिए आदर्श है, जो तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार में रुचि रखते हैं। अगर ऐसे लोग सस्टेनेबल ऊर्जा में बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो उनके लिए यह स्वर्ण युग है, क्योंकि सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जीवाश्म ऊर्जा से दूरी बनाना मजबूरी है। ऐसे में ग्रीन एनर्जी का विस्तार पूरी दुनिया में होना तय है। इसलिए भविष्य में सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र के विशेषज्ञों के रोजगार की चमकदार संभावनाएं हैं। भारत में सोलर, विंड, बायोमॉस और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में जबर्दस्त कुशल लोगों की मांग है।
शैक्षिक योग्यता और पाठ्यक्रम
ग्रीन एनर्जी में नौकरी पाने के लिए मुख्यतः इंजीनियंरिंग और सस्टनेबल एनर्जी के कोर्स करने की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए अलग-अलग शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता होगी : अंडरग्रेजुएट कोर्स- बीटेक/बीई इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और रिन्यूएबल एनर्जी। पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स- एमटेक/एमई इन रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी और एनर्जी मैनेजमेंट में विशेष कोर्स के होने पर भरपूर नौकरियां उपलब्ध होंगी। डिप्लोमा एंड सर्टिफिकेट कोर्सेज- कई संस्थान सोलर टेक्नोलॉजी, विंड पावर और एनर्जी मैनेजमेंट के लिए विशेष कोर्स ऑफर करते हैं।
कोर्स के लिए अच्छे शैक्षिक संस्थान
ग्रीन एनर्जी या रिन्यूएबल एनर्जी में देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थान इस जुड़े प्रोफेशंस के लिए जरूरी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं, जिन पर डिग्री, डिप्लोमा हासिल करने पर देश-विदेश में नौकरियों की भरपूर संभावनाएं होती हैं। जानिये इन प्रमुख संस्थानों के बारे में : सभी महत्वपूर्ण आईआईटी- बॉम्बे, दिल्ली, खड्गपुर आईआईटी, ये सब ग्रीन एनर्जी पर विशेष पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी- गुड़गांव स्थित यह संस्थान सोलर एनर्जी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी- चेन्नई स्थित ये संस्थान विंड एनर्जी पर फोकस करता है।
टेरी स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज - नई दिल्ली स्थित यह संस्थान एनर्जी स्टडीज और क्लाइमेंट चेंज में उच्च शिक्षा प्रदान करता है।
जॉब्स के लिए संभावित स्थान
ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में नौकरियां क्षेत्रवार विभिन्न स्थानों पर मिलती है।
सरकारी विभाग और एजेंसियां : मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया।
प्राइवेट कंपनियां : टाटा पावर सोलर, अडानी ग्रीन एनर्जी और रीन्यू पावर जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में नौकरियां देती हैं। मल्टीनेशनल कपंनियां जैसे एस्सार, स्नाइडर इलेक्ट्रिक या सिमेंस आदि भी क्लीन एनर्जी से जुड़ी नौकरियां प्रदान करते हैं।
प्रोजेक्ट्स : बड़े पैमाने पर सोलर और विंड फॉर्म प्रोजेक्ट्स में भी काफी नौकरियां मिलती हैं।
शुरुआती सैलरी और पैकेज
ग्रीन एनर्जी उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें लगातार सैलरी पैकेज निर्मित और नियमित हो रहे हैं। शुरुआती सैलरी आपके द्वारा हासिल की गई शिक्षा, आपके अनुभव और इंटर्नशिप के महत्व के आधार पर मिलती है। बाद में आपके काम करने के तौर-तरीकों और प्रतिभा के आधार पर भी सैलेरी पैकेज निर्मित होता है। बहरहाल शुरुआत में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट- 3 लाख से 6 लाख रुपये सालाना, सोलर टेक्नीशियन/इंटॉलेशन इंजीनियर- 3 से 5 लाख रुपये सालाना और प्रोजेक्ट मैनेजर- 5 से 12 लाख रुपये महीना।
विदेश में भी नौकरी के चांस
देश ही नहीं, देश के बाहर भी इस क्षेत्र में कैरियर की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व ऑस्ट्रेलिया, रूस और इस्राइल में भी बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी के एक्सपर्ट्स हेतु कई तरह की नौकरियां मौजूद हैं, जिसमें प्रमुख हैं- रिन्यूएबल एनर्जी कंसल्टेंट्स, सोलर एंड विंड एनर्जी इंजीनियर्स, एनर्जी मैनेजमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी स्पेशलिस्ट व रिसर्च एंड डेवलपमेंट। जहां तक पैकेज की बात है तो भारत के बाहर इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को अपने देश के मुकाबले 2 से 2.5 गुना ज्यादा का पैकेज आसानी से मिल जाता है।
- इ.रि.सें.