मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

जो चावल मिलें अस्तित्व में नहीं, उन्हें भी दे दिया मिलिंग का धान

10:02 AM Nov 26, 2024 IST
फाइल फोटो
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 25 नवंबर
हरियाणा के सहकारिता विभाग के तहत संचालित हैफेड के अधिकारियों ने चावल मिल मालिकों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान किया है। हैफेड के अधिकारियों ने ऐसी चावल मिलों को मिलिंग के लिए धान आवंटित कर दिया, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या फिर जिनमें धान की मिलिंग का काम नहीं होता। फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान जांच टीम की आंखों में धूल झोंकने के लिए धान और चावल की बोरियों के स्थान पर भूसे के बोरे मिलों में रखे दिखाए गये।
 हैफेड के अधिकारियों ने इस कारनामे को करनाल जिले में अंजाम दिया है। हैफेड के मौजूदा जिला प्रबंधक अमित कुमार ने अपने से पहले के जिला प्रबंधक के कारनामों की इस पूरी रिपोर्ट को हैफेड मुख्यालय भेजा है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रबंधक ने टीम बनाकर 15 चावल मिलों का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया, जिनमें से कुछ मिलों में छोटी-मोटी खामियां मिली, लेकिन बजाज राइस मिल घरौंडा और रामा राइस मिल करनाल में जबरदस्त अनियमितताएं पकड़ी गई हैं। गांव शेरगढ़ टापू के पूर्व सरपंच हरपाल सिंह ने हैफेड के एमडी को भेजी इस पूरी रिपोर्ट की प्रति सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा के पास भिजवाई है। धान की खरीद के बाद मिलिंग के लिए उसे चावल मिलों को देने का मामला साल 2023 का है। हैरानी की बात है कि जिस बजाज राइस मिल को मिलिंग के लिए धान दिया गया, उसे साल 2022 में ही बेचा जा चुका था। एमडी को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक 30 सितंबर 2024 तक मिलिंग के पश्चात यह चावल हैफेड को वापस किया जाना था, जो कि अभी साढ़े छह हजार क्विंटल बाकी है। इसकी कीमत करीब ढ़ाई करोड़ रुपये है।
कुछ धान इस मिल ने बाहरी मिलों से मिलिंग कराया है। करनाल की रामा राइस मिल में बिजली का कनेक्शन तक नहीं था, लेकिन उसे मिलिंग के लिए धान दिया गया। एमडी को भेजी रिपोर्ट के अनुसार करीब आठ हजार क्विंटल चावल का गबन इस मिल द्वारा गया गया है, जिसकी कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है।

रिपोर्ट में किया संलिप्तता का जिक्र

जिला प्रबंधक अमित कुमार ने अपने से पहले के जिला प्रबंधक समेत कई विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता का जिक्र भी इस रिपोर्ट में किया है। पूर्व सरपंच हरपाल सिंह ने सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा को भेजी शिकायत में तत्कालीन जिला प्रबंधक के विरुद्ध कार्रवाई करने, दोषियों के निलंबन तथा आरोपित चावल मिलों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मामले में विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। पुलिस मामले की जांच करेगी। 
-अमित कुमार, डीएम
Advertisement
Advertisement