मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

RG Kar Hospital: बेनतीजा रही दूसरे दौर की वार्ता, हड़ताल जारी रखेंगे डॉक्टर

09:39 AM Sep 19, 2024 IST
जूनियर डॉक्टर कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर अपने धरना स्थल से अस्पतालों में सुरक्षा जैसे कुछ प्रमुख अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से मिलने के लिए नबन्ना (राज्य सचिवालय) पहुंचे। पीटीआई फोटो

कोलकाता, 19 सितंबर (भाषा)

Advertisement

RG Kar Hospital: आरजी कर अस्पताल मुद्दे पर गतिरोध को हल करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की वार्ता बुधवार रात को बेनतीजा रहने के कारण डॉक्टर हड़ताल जारी रखेंगे। डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार ने बैठक का लिखित विवरण देने से इन्कार कर दिया।

बैठक के बाद डॉक्टरों ने घोषणा की कि वे अपना आंदोलन और ‘काम रोको' अभियान तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार बैठक में हुई सहमति के अनुसार सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में लिखित निर्देश जारी नहीं कर देती।

Advertisement

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक डॉ. अनिकेत महतो ने कहा, 'बातचीत तो सुचारू रूप से हुई, लेकिन सरकार ने चर्चा किए गए मुद्दों का हस्ताक्षरित और लिखित विवरण सौंपने से इन्कार कर दिया। हम सरकार के रवैये से निराश और हताश महसूस कर रहे हैं।'

जब भी निर्देश जारी कर दिए जाएंगे हम इस पर निर्णय लेंगे

महतो ने कहा, 'हम अपनी मांगों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए एक ईमेल भेजेंगे, जिसके आधार पर सरकार ने निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया है। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और जब भी निर्देश जारी कर दिए जाएंगे हम इस पर निर्णय लेंगे।'

राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन

राज्य ने आरजी कर अस्पताल की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु से कथित बलात्कार और हत्या के मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की डॉक्टरों की मांग को भी स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या की घटना तथा सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक भ्रष्टाचार एवं छात्रों और प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद से राज्य की राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

48 घंटों में डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच यह दूसरी वार्ता थी

पिछले 48 घंटों में डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच यह दूसरी वार्ता थी। पहले दौर की वार्ता सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर हुई थी। मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कार्य बल और 30 जूनियर डॉक्टर के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को ‘नबन्ना' (राज्य सचिवालय) में राज्य द्वारा तय समय से एक घंटे बाद शाम करीब साढ़े सात बजे बैठक शुरू हुई, जो साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली।

धमकाने की संस्कृति को खत्म करने से संबंधित मामले उठाए

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने बैठक में राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल परिसर के अंदर अपनी सुरक्षा के मुद्दों और वादे के अनुरूप कार्य बल के गठन का विवरण एवं उसके कार्यों को रेखांकित किया। डॉक्टरों ने ‘रेफरल सिस्टम' में पारदर्शिता, मरीजों को बिस्तर आवंटन, स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और परिसरों में प्रचलित 'धमकाने की संस्कृति' को खत्म करने से संबंधित मामले उठाए।

सरकार इस बात पर सहमत थी कि अधिकांश मांगें जायज

डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मांगें इस चिंता से जुड़ी हुई हैं कि आरजी कर अस्पताल में जो जघन्य अपराध हुआ है वैसा फिर कभी नहीं हो। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि सरकार इस बात पर सहमत थी कि हमारी अधिकांश मांगें जायज हैं और उन्हें तत्काल लागू किया जाना चाहिए। लेकिन बातचीत के अंत में हमें इस बात से निराशा हुई जब मुख्य सचिव ने हमें बैठक की हस्ताक्षरित कार्रवाई का विवरण देने से इन्कार कर दिया।

स्वास्थ्य प्रणाली की व्यापक जांच की जरूरत

बैठक के बाद पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी बैठक के गैर हस्ताक्षरित विवरण में कहा गया है कि जूनियर डॉक्टरों ने पिछले चार-पांच वर्षों में कथित कदाचार के लिए प्रधान स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ एक जांच समिति के गठन की मांग की, जिसमें स्वास्थ्य ढांचा प्रणाली को मजबूत करना भी शामिल है। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की व्यापक जांच की जरूरत है।

डॉक्टरों ने सभी मेडिकल कॉलेजों से व्यापक प्रतिनिधित्व का प्रस्ताव रखा

बैठक के विवरण से पता चला कि सरकार ने डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे बचाव और सुरक्षा पर राज्य कार्य बल में चार-पांच प्रतिनिधि भेजें, लेकिन डॉक्टरों ने सभी मेडिकल कॉलेजों से व्यापक प्रतिनिधित्व का प्रस्ताव रखा। बैठक के विवरण के अनुसार, 'दोनों पक्ष रात्रि गश्त के लिए महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती, विभागों द्वारा पैनिक बटन लगाने और त्वरित हस्तक्षेप के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के संबंध में केंद्रीय निर्देश को लागू करने पर सहमत हुए।' सोमवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ बैठक की कार्रवाई रिकॉर्ड करने के लिए स्टेनोग्राफर भी मौजूद थे।

Advertisement
Tags :
Hindi NewsKolkata DoctorKolkata doctor caseKolkata newsRG Kar HospitalRG Kar Medical Collegeआरजी कर अस्पतालआरजी कर मेडिकल कालेजकोलकाता डाक्टरकोलकाता डाक्टर केसकोलकाता समाचारहिंदी समाचार