मेडिकल कॉलेजों में रिटायरमेंट की उम्र अब 65 साल
चरणजीत भुल्लर/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 अप्रैल
पंजाब कैबिनेट ने आज ‘एक विधायक -एक ब्लॉक’ पॉलिसी को हरी झंडी दे दी है। ब्लॉकों के पुनर्गठन के नाम से पेश किए गए एजेंडे के मुताबिक पूरा ब्लॉक एक विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आएगा, जबकि पहले एक ब्लॉक में एक से अधिक विधानसभा क्षेत्र के गांव होते थे। हालांकि एजेंडे में सीधे तौर पर प्रति ब्लॉक एक विधायक का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन एजेंडे की मूल भावना कहती है कि एक ब्लॉक पर एक ही विधायक की राजनीतिक पकड़ होगी। वहीं मेडिकल कॉलेजों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी गई है। अब रिटायर डॉक्टरों की भी सेवाएं ली जाएंगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में आज यहां हुई कैबिनेट बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा पेश एजेंडे को मंजूरी दे दी गई। याद रहे कि 2010 में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने विधानसभा क्षेत्र वाइज डीएसपीज के कार्यालयों का पुनर्गठन और स्थापना की थी, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था।
बाद में कैप्टन सरकार ने इस फैसले को पलट दिया और तर्क दिया कि कार्यालयों का सीधे तौर पर राजनीतिकरण किया गया है। अब ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के एजेंडे के मुताबिक विधानसभा क्षेत्रों और ब्लॉकों का तालमेल किया जाएगा। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह एजेंडा आगामी समिति और जिला परिषद चुनाव को देखते हुए आया है।
नई नीति के मुताबिक अब हर ब्लॉक एक जिले के अंतर्गत आएगा। नई नीति के मुताबिक हर ब्लॉक में करीब 100 ग्राम पंचायतें होंगी, जिनमें 20 फीसदी तक बदलाव भी संभव होगा। इसके साथ ही पंचायत समिति के क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पंजाब सरकार प्रशासनिक बोझ कम करने के लिए ब्लॉकों की संख्या भी कम कर सकती है। नई नीति में तर्क दिया गया कि मौजूदा ब्लॉकों का आकार असंतुलित है। आने वाले समय में पूरे ब्लॉकों का पुनर्गठन करना ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि मई माह तक समिति और जिला परिषद के चुनाव भी होने हैं।
इसी तरह, कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के तहत मेडिकल कॉलेजों में सेवानिवृत्ति की आयु मौजूदा 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। कैबिनेट ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सेवाएं लेने की भी मंजूरी दे दी है। जनहित में आवश्यकता पड़ने पर इन डॉक्टरों की सेवाएं हर साल ली जाएंगी। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति 58 वर्ष में होती है और अब इन डॉक्टरों को अनुबंध आधारित प्रणाली के तहत फिर से नियोजित किया जा सकेगा।
विधि अधिकारियों के आरक्षण को मंजूरी
पंजाब कैबिनेट ने आज एससी/एसटी आरक्षण के तहत कानून अधिकारियों की अनुबंध भर्ती में पर्याप्त प्रतिनिधित्व की घोषणा की। कैबिनेट ने पंजाब कानून अधिकारी अधिनियम, 2017 में अनुसूचित जाति समुदायों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दे दी है। अनुबंध पर कानून अधिकारियों की नियुक्ति के लिए आय मानदंड में छूट की अनुमति दी है।
आवंटियों के लिए एकमुश्त योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने राज्य के सुधार ट्रस्टों के आवंटियों को गैर-निर्माण शुल्क और बकाया आवंटन राशि पर एकमुश्त राहत देने की नीति को भी मंजूरी दे दी है। इस फैसले से आवंटियों को बड़ी राहत मिलेगी और उनका ब्याज माफ हो जाएगा।