जाट धर्मार्थ सभा में प्रशासक नियुक्त रिटायर्ड डिप्टी सिविल सर्जन को जिम्मा
जींद, 26 फरवरी (हप्र)
जींद की जाट धर्मार्थ सभा को लेकर दैनिक ट्रिब्यून में सोमवार को प्रकाशित खबर पर उस समय मुहर लग गई, जब जींद में फर्म एंड सोसायटीज के जिला रजिस्ट्रार ने जींद के रिटायर्ड डिप्टी सिविल सर्जन डॉ कुलदीप राणा को जाट सभा का प्रशासक नियुक्त कर दिया। प्रशासक नियुक्त होने के तुरंत बाद डॉ कुलदीप राणा ने जाट धर्मशाला पहुंचकर निवर्तमान प्रधान देवव्रत ढांडा और महासचिव सुरेंद्र खटकड़ से चार्ज ले लिया। संस्था के इतिहास में पहली बार प्रशासक की नियुक्ति हुई है। इसके लिए कई लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
जाट सभा के प्रशासक नियुक्त किए गए रिटायर्ड डिप्टी सिविल सर्जन डॉ कुलदीप राणा ने कहा कि उनका प्रयास संस्था को और बेहतर बनाने, संस्था का विकास और जल्द चुनाव करवा कर निर्वाचित पदाधिकारियों को सभा के कमान सौंपने का रहेगा। उन्होंने कहा कि सभा जींद की बेहतर संस्थानों में से है। इसे और बेहतर बनाया जाएगा। सभा के चुनाव को लेकर डॉ कुलदीप राणा ने कहा कि वह संबंधित विभाग से जानकारी लेकर चुनावी प्रक्रिया जितना जल्दी संभव हो सकेगी, शुरू करवाएंगे। इस मौके पर जाट सभा के निवर्तमान प्रधान देवव्रत ढांडा, सुरेंद्र खटकड़, ईश्वर उझानिया,आजाद सिंह लाठर, पूर्व प्रधान आजाद सिंह पवार आदि मौजूद थे।
सर्वसम्मति से होते रहे हैं चुनाव
लगभग 30 साल पुरानी जाट सभा में पहली बार प्रशासक की नियुक्ति हुई है। अब तक संस्था में प्रशासक की नियुक्ति तो दूर, कभी मतदान के जरिए प्रधान और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव की नौबत तक नहीं आई थी। हर बार सर्वसम्मति से प्रधान और अन्य पदाधिकारियों का चुनाव हो जाता था। इस बार चुनाव को लेकर बड़ा विवाद हुआ। इस विवाद के निपटारे के लिए 15 फरवरी को जाट सभा के सदस्यों और खाप पंचायत प्रतिनिधियों की पंचायत में इक्कस गांव के हरपाल ढुल को सर्वसम्मति से प्रधान बना दिया गया था, लेकिन वह सभा के सदस्य ही नहीं थे। इस कारण उनका चुनाव अवैध था। अगर हरपाल ढुल उसी समय यह कह देते कि वह सभा के आजीवन सदस्य नहीं हैं, तो 15 फरवरी को किसी दूसरे को सर्वसम्मति से प्रधान बना दिया गया होता और संस्था में प्रशासक की नियुक्ति की नौबत नहीं आती।