सिखों के धार्मिक चिन्ह और पहरावे पर पाबंदियां दुर्भाग्यपूर्ण : धामी
मोहाली, 7 नवंबर (निस)
श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्वविश्वविद्यालय, फतेहगढ़ साहिब द्वारा सिख शिक्षा परिषद, यूके के सहयोग से आयोजित श्री गुरु ग्रंथ साहिब: बहुविषयक परिप्रेक्ष्य पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विश्वविद्यालय के चांसलर एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, प्रधान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब प्रत्येक सिख को जीवन भर मार्गदर्शन देता है और प्रत्येक सिख को सिख नैतिकता के अनुसार जीवन जीना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए धामी ने देश-विदेश में सिखों से जुड़ी घटनाओं पर खुलकर अपने विचार रखे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर परित पाल सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अजायब सिंह बराड़ ने भी अपने विचार रखे। उद्घाटन भाषण के वक्ता गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल स्टडीज कनाडा के गुरमत संगीत जगत के प्रोफेसर गुरनाम सिंह ने कहा कि आज दुनिया को गुरबाणी से मार्गदर्शन और प्रेरणा की बहुत जरूरत है। सम्मेलन में सिख एजुकेशन काउंसिल यूके के प्रतिनिधि के रूप में डाॅ. अवतार सिंह यूके शामिल हुए। डीन एकेडमिक प्रोफेसर सुखविंदर सिंह बिलिंग ने सभी का स्वागत किया। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिखों के धार्मिक चिन्ह और पहरावे पर पाबंदियां अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रतिबंध तुरंत वापस लेना चाहिए और माफी मांगी जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। श्री करतारपुर साहिब में विदेश से आने वाले सिख तीर्थयात्रियों के लिए शुल्क माफी के संबंध में उन्होंने कहा कि वह तो यह कोशिश कर रहे हैं कि देश के तीर्थयात्रियों को केवल आधार कार्ड पर ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। कनाडा की घटना को लेकर शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और वे इसका मूल्यांकन कर रहे हैं।