पुलिस रेड के खिलाफ लामबंद हुए रेस्टोरेंट, कैफे मालिक
पंचकूला, 11 अगस्त (ट्रिन्यू)
शहर में चल रहे रेस्टोरेंट और कैफे मालिकों ने पंचकूला पुलिस द्वारा बार-बार छापेमारी करके दुकानदारी ठप करने पर कड़ा एतराज जताया है। रेस्टोरेंट और कैफे मालिकों का आरोप है कि कोरोना के कारण पहले ही दुकानदारी नहीं चल रही और ऊपर से पुलिस रेस्टोरेंट और कैफे में छापे मार रही है, जिस कारण ग्राहक अब रेस्टोरेंट में आने से घबराने लगे हैं। इसका सीधा लाभ चंडीगढ़ के क्लब, रेस्टोरेंट और कैफे मालिकों को हो रहा है।
सेक्टर 5 में आयोजित पत्रकार वार्ता में रेस्टोरेंट व कैफे मालिकों के संगठन के मुख्य प्रवक्ता अमित वर्मा, मनिल मोंगिया और निखिल ने बताया कि पिछले दिनों कांग्रेस के दीपांशु बंसल ने अधिकारियों और हरियाणा के गृह मंत्री से मुलाकात की थी, जिसमें बंसल ने कहा था कि शहर में चल रहे हुक्का बार और रेस्टोरेंट-कैफे में युवाओं को नशा परोसा जाता है। अमित वर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा कई बार रेस्टोरेंट और कैफे में छापेमारी की गई है, लेकिन आज तक एक भी मामला नशे से संबंधित नहीं आया। मोंगिया और अमित वर्मा का आरोप है कि दीपांशु बंसल उन पर अपने रेस्टोरेंट और कैफे में हिस्सा डालने के लिए भी कई बार दबाब बना चुके हैं और कहते हैं कि यदि उनका हिस्सा नहीं डाला, तो तुम्हारे रेस्टोरेंट, कैफे और बार नहीं चलने दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट कैफे में कोविड के नियमों का पालन करने के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और कभी भी चैक किया जा सकता है। हमारे रेस्टोरेंट कैफे में किसी भी प्रकार से युवाओं को नशा नहीं परोसा जाता। जल्द ही इस संबंध में रेस्टोरेंट कैफे प्रबंधकों की एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री, गृहमत्री विधानसभा अध्यक्ष सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलेगी और अपना पक्ष उनके सामने रखेगी। उन्होंने बताया कि फ्लेवर हुक्का बेचने के लिए कोर्ट के आदेशों की प्रतियां भी इन अधिकारियों और नेताओं के समक्ष रखी जाएंगी, क्योंकि कोपटा एक्ट के तहत फ्लेवर हुक्का बेचा जा सकता है और इसमें निकोटिन नहीं है। इस अवसर पर निखिल, अहमद, नीलम वर्मा, गुरकिरत सिंह सहित कई रेस्टोरेंट, बार और कैफे मालिक एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।
दूसरी ओर दीपांशु बंसल का कहना है कि उन पर लगाये गये सभी आरोप निराधार हैं। केवल ध्यान भटकाने के लिये ऐसा कहा गया है। आरोप लगाने वालों से उनका आज तक कोई संपर्क नहीं हुआ। उनकी लड़ाई अवैध नशे के खिलाफ है।