मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

बेकाबू महंगाई : रिजर्व बैंक ने रेपो दर आधा प्रतिशत बढ़ाई, मासिक किस्त बढ़ने के साथ बैंकों से ऋण लेना महंगा!

06:39 PM Aug 05, 2022 IST
Advertisement

मुंबई, 5 अगस्त (एजेंसी)

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है। इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ने के साथ बैंकों से ऋण लेना महंगा होगा। चालू वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार नीतिगत दर बढ़ाई गई है। कुल मिलाकर 2022-23 में अबतक रेपो दर में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है। इसके साथ ही प्रमुख नीतिगत दर महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। अगस्त, 2019 में रेपो दर 5.4 प्रतिशत पर थी। साथ ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी निर्णय किया है। इसके साथ ही स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 4.65 प्रतिशत से बढ़कर 5.15 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर 5.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.65 प्रतिशत तथा बैंक दर 5.65 प्रतिशत हो गयी है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन अगस्त से शुरू तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, ‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करने का फैसला किया।’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है और इसे नियंत्रण में लाना जरूरी है। रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक अपनी तात्कालिक कोष की जरूरत को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। दास ने कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति ने आने वाले समय में मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुसार काबू में लाने के साथ आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के इरादे के साथ नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि ये निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य के अनुरूप है।

Advertisement

सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। अर्थव्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा, ‘घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। चार अगस्त, 2022 तक दक्षिण पश्चिम मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से छह प्रतिशत अधिक है। खरीफ बुवाई गति पकड़ रही है।’ दास ने यह भी कहा कि निर्यात, वाहनों की बिक्री, ई-वे बिल जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े तेजी का संकेत देते हैं। शहरी मांग मजबूत हो रही है, ग्रामीण मांग भी गति पकड़ रही है। इसके आधार पर आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक के अनुसार, ‘‘चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।” मुद्रास्फीति के बारे में कहा गया है, ‘‘वैश्विक स्तर पर जारी संकट और उसके कारण उत्पन्न अनिश्चितता के कारण मुद्रास्फीति पर असर पड़ रहा है। हालांकि हाल में खाद्य और धातु के दाम उच्चस्तर से नीचे आये हैं और वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल भी कुछ नरम हुआ है लेकिन यह अभी भी ऊंचा बना हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है।’

Advertisement
Tags :
किस्तप्रतिशतबढ़नेबढ़ाईबेकाबू,बैंकोंमहंगा,महंगाईमासिकरिजर्व
Advertisement