पतंजलि की औषधि ‘थायरोग्रिट’ पर किया गया शोध अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल में प्रकाशित
हरिद्वार, 27 जून (ट्रिन्यू)
हाइपोथायरोडिज्म दुनियाभर में एक आम बीमारी के रूप में पैर पसार रही है, लेकिन इससे हृदय रोग, इनफर्टिलिटी और बच्चों के मस्तिष्क विकास में बाधा जैसे दुष्प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं। मॉडर्न चिकित्सा जगत में इस भयावह परन्तु आम बीमारी के लिए मात्र ‘हार्मोनल रीप्लेसमेंट थेरेपी’ ही उपलब्ध है या फिर रोगी जीवन पर्यन्त दवाइयां लेने के लिए बाध्य है। पतंजलि द्वारा इस रोग से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य के साथ, आयुर्वेद विज्ञान को आधार बना कर हर्बल औषधि ‘थाइरोग्रिट’ का निर्माण किया गया। पतंजलि द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस औषधि पर किए गए शोध ने यह प्रमाणित किया कि यह औषधि चूहे के भीतर उत्पन्न हाइपोथायरोडिज्म की समस्या को ठीक करने में सक्षम है। आयुर्वेदिक औषधि धापयेग्रिट, हाइपोथायरोडिज्म से प्रभावित गलगण्ड ग्रंथि (थायरॉयड) को रोगमुक्त कर इससे होने वाली गुर्दे की हानि को भी समाप्त करती है। पतंजलि के लिए यह गर्व का क्षण है कि यह शोध विश्व प्रतिष्ठित पीयर रिव्यूड रिसर्च जर्नल ‘क्लीनिकल फाइटोसाइंस’ में प्रकाशित हुआ है, जिससे समकालीन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को भी नवीन आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान के बारे में जानकारी मिलेगी। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि का यह शोध विश्वभर में थायरॉयड की समस्या से ग्रसित व्यक्तियों के जीवन में एक नवऊर्जा का संचार करेगा।