सूरदास के रचनाकर्म का स्मरण
06:48 AM May 12, 2024 IST
हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की साहित्यिक मासिकी हरिगंधा के ताजा अंक में भक्तिकाल के प्रतिष्ठित कवि सूरदास का भावपूर्ण स्मरण किया गया है। कई रचनाकारों ने उनके सृजन व भ्रमर गीत परंपरा विवेचन किया है। रांगेय राघव पर डॉ. लालचंद गुप्त ‘मंगल’ पठनीय टिप्पणी है। कहानी,कविता व व्यंग्य विधा में कुछ पठनीय रचनाएं हैं। साथ ही अंक में पुस्तक चर्चा तथा साहित्यिक गतिविधियों का लेखा-जोखा अंक को पठनीय बनाते हैं। - अ. नै.
पत्रिका : हरिगंधा संपादक : मुकेश लता प्रकाशक : हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला पृष्ठ : 92 मूल्य : रु. 30.
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