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धार्मिक वैमनस्य, भाषा विवाद, आतंकवाद आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती

12:36 PM Jun 05, 2023 IST
धार्मिक वैमनस्य  भाषा विवाद  आतंकवाद आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती
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चंडीगढ़, 4 जून (ट्रिन्यू)

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पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (यूसोल) की ओर से आईसीएसएसआर सभागार में ‘भारत की आंतरिक सुरक्षा के खतरे और सुरक्षा बलों की भूमिका : एक उभरता हुआ सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। यूएसओएल की अध्यक्ष प्रोफेसर नीरू ने सांप्रदायिक हिंसा, धार्मिक वैमनस्य, भाषा विवाद और आतंकवाद जैसी विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए विषय की प्रासंगिकता पर संक्षेप में बात रखते हुए इसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बताया।

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) और यूपीएससी के मौजूदा सदस्य राज शुक्ला ने भारत की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों स्वास्थ्य, साइबर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तकनीकी सुनामी और आर्थिक दक्षता जैसे प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला।

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सैन्य और सामरिक मामलों के विशेषज्ञ राज शुक्ला ने सुरक्षा मुद्दों/चिंताओं के मामलों में प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में चाणक्य-नीति (शस्त्र और शास्त्र का सुमेल) का उल्लेख किया और देश के शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों से राष्ट्रीय सुरक्षा अनुसंधान से संबंधित मुद्दों पर खुद को लैस करने और आगे बढ़ने का आह्वान किया। सेमिनार के मुख्य अतिथि और आईसीएसएसआर के मानद निदेशक प्रोफेसर संजय कौशिक ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर संवाद करना है।

तीन तकनीकी सत्रों में लगभग चालीस शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता प्रोफेसर प्रवीण शारदा, प्रोफेसर सिमरत काहलों और प्रोफेसर हर्ष गंधार ने की।

संयोजक डॉ. जसकरण सिंह और सह-संयोजक डॉ. कमला संधू ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। राजनीति विज्ञान की वरिष्ठ संकायाध्यक्ष प्रोफेसर स्वर्णजीत कौर ने मंच का संचालन किया। समापन सत्र की अध्यक्षता पीयू के आर्ट्स फैकल्टी की डीन प्रोफेसर अंजू सूरी ने की और समापन भाषण जीएनडीयू के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप सिंह ने दिया। प्रोफेसर मंजू गेरा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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